Parliament Session: संसद का पांच दिवसीय सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है. इस विशेष सत्र में आठ विधेयकों को मंजूरी मिलने की उम्मीद है. जिन विधेयकों को मंजूर किए जाने की उम्मीद है, उसमें एक देश एक चुनाव, महिला आरक्षण, समान नागरिक संहिता जैसे बिल शामिल हैं. वहीं, संसद की पुरानी इमारत में लोकसभा और राज्यसभा में 75 सालों के संसदीय यात्रा पर सोमवार सुबह 11 बजे चर्चा होने वाली है. इस कार्यक्रम को लेकर एक जरूरी जानकारी मिली है.
संसदीय यात्रा को लेकर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में संकल्प लिया जाएगा कि भारत को 2047 तक विकसित देश बना दिया जाए. इस दौरान मंच पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला और राज्यसभा सांसद और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे मौजद रहेंगे. मिली जानकारी के मुताबिक, पीएम मोदी लोकसभा में और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल राज्यसभा में चर्चा की शुरुआत कर सकते हैं. कार्यक्रम का आयोजन पुरानी संसद के सेंट्रल हॉल में किया जाएगा.
19 सितंबर से नई संसद में शुरू होगी कार्यवाही
संसद का विशेष सत्र पांच दिनों तक चलने वाला है. इसकी शुरुआत सोमवार 18 सितंबर से हो रही है, जो शुक्रवार 22 सितंबर तक चलेगी. इस दौरान 5 बैठकें आयोजित की जाएंगी. विशेष सत्र के पहले दिन की कार्यवाही का आयोजन पुरानी संसद में किया जाएगा. इसके बाद मंगलवार को गणेश चतुर्थी के मौके पर नई संसद में कामकाज की शुरुआत हो जाएगी. इसी दिन पुरानी संसद में फोटो सेशन भी किया जाएगा. फिर 11 बजे नए सेंट्रल हॉल में एक समारोह आयोजित होगा.
पुरानी संसद से कैसे अलग है नई संसद?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 मई को नई संसद को देश को सौंपा. नई संसद का निर्माण कार्य 2019 में सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू हुआ. संसद की नई ईमारत का आकार त्रिकोणीय है. नई बिल्डिंग तीन मंजिला है, जिसे 64,500 स्क्वायर मीटर में बनाया गया है. लोकसभा चैंबर में 888 सीटें हैं, जबकि पुरानी संसद में सिर्फ 543 ही थीं. इसमें सांसदों के बैठने की संख्या को 1272 सीटों तक भी बढ़ाया जा सकता है.
नए संसद भवन की इमारत में तीन औपचारिक प्रवेश द्वार बनाए गए हैं, जिनके जरिए भवन में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, लोकसभा स्पीकर और प्रधानमंत्री एंट्री कर पाएंगे. इमारत का निर्माण पर्यावरण को ध्यान में रखकर किया गया है. इसमें पुरानी इमारत के मुकाबले 30 फीसदी कम बिजली खर्च होगी. नई संसद में रेन-वाटर हारवेस्टिंग और पानी को रिसाइकल करने के सिस्टम को भी लगाया गया है. इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि ये 150 सालों तक काम कर सके.
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