First Session Of 18th Lok Sabha: 18वीं लोकसभा का पहला सत्र कल सोमवार (24 जून) से शुरू होगा. पहले दिन सबसे पहले सुबह 9:30 बजे प्रोटेम स्पीकर को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शपथ दिलाएंगी. नई सरकार के गठन के बाद सत्र शुरू होने से ठीक पहले तक लोकसभा स्पीकर के पद पर ओम बिरला बने रहेंगे लेकिन सत्र शुरू होते ही पूर्व स्पीकर का कार्यकाल खत्म हो जाता है.


सत्र की शुरुआत में प्रोटेम स्पीकर नव-निर्वाचित सांसदों को शपथ दिलाएंगे. सबसे पहले प्रधानमंत्री शपथ लेते हैं, फिर पद के वरिष्ठता क्रम में कैबिनेट मंत्री शपथ लेंगे और फिर शेष सांसद वरिष्ठता क्रम में शपथ लेंगे. प्रोटेम स्पीकर को पीठासीन अधिकारी भी कहा जा सकता है. ये पद सिर्फ दो दिन के लिए ही होता है.


प्रोटेम स्पीकर के किन नामों की हो चर्चा?


प्रोटेम स्पीकर की सहायता यानि उनकी कुछ देर की अनुपस्थिति में उनकी कुर्सी पर बैठ कर सदन के कार्यों को सतत रखने के लिए पांच पीठासीन अधिकारी और नामित किए गए हैं. ये हैं- के सुरेश, सुदीप बंधोपाध्याय, टी आर बालू, राधा मोहन सिंह, फ़ग्गन सिंह कुलस्ते.


किसको चुना जाता है प्रोटेम स्पीकर


प्रोटेम स्पीकर का जिक्र संविधान में नहीं है लेकिन संसदीय कार्य मंत्रालय की हैंड बुक में इसका ज़िक्र है. सांसदों को शपथ दिलाने के अलावा स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के चुनाव में भी प्रोटेम स्पीकर की भूमिका होती है. परंपरा के अनुसार सीनियर मोस्ट एमपी को ही प्रोटेम स्पीकर चुना जाता है लेकिन ये कोई लिखित या स्थिर नियम नहीं है.


भर्थहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर चुने जाने का विरोध


इस बार विपक्ष भर्थहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर को चुने जाने का विरोध इसीलिए कर रहा है क्योंकि भर्थहरि महताब सिर्फ़ सात बार के लोक सभा सांसद हैं जबकि के सुरेश आठवीं बार लोक सांसद चुन कर आए हैं. हालांकि संसदीय कार्य मंत्री का तर्क है कि के सुरेश बीच में दो बार सांसद नहीं चुने जाने के कारण लोक सभा में सतत सेवाएं नहीं दे सके हैं,  उनकी सेवाएं ब्रेक हुई हैं जबकि भर्थहरि महताब साथ बार से लगातार लोकसभा सांसद हैं.


लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव कब होगा?


नए लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव 26 जून को होगा. 27 जून को लोकसभा और राज्यसभा के संयुक्त सत्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का अभिभाषण होगा. वह अगले पांच साल के लिए नई सरकार के रोडमैप की रूपरेखा पेश करेंगी. इसके बाद दोनों सदनों में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा होगी और संभवतः 2 जुलाई को राज्यसभा और 3 जुलाई को लोकसभा में प्रधानमंत्री राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई चर्चा का जवाब देंगे. संसद सत्र 3 जुलाई तक चलेगा.


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