Special Parliament Session: केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर के बीच संसद का विशेष सत्र बुलाया है. केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने गुरुवार (31 अगस्त) को ये जानकारी दी. पांच बैठकों में होने वाले इस सत्र को लेकर ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) चीफ और हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र के सामने 5 मांगे रखीं हैं.
ओवैसी की 5 मांगें
- समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने सबसे पहली मांग चीन को लेकर रखी है. ओवैसी ने कहा, 'मेरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग है कि जो जमीन हम चीन के हाथों खो चुके हैं, उस पर संसद के अंदर बहस होनी चाहिए. हमें उम्मीद है कि चीन पर एक बहस होगी.'
- दूसरी मांग रखी है कि चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग कराने वाले इसरो के वैज्ञानिकों और वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गोल्ड जीतने वाले नीरज चोपड़ा का संसद भवन के अंदर सम्मान किया जाए. उन्होंने कहा, 'हमारे वैज्ञानिकों और नीरज चोपड़ा ने जो उपलब्धि हासिल की है, उस पर हम फक्र महसूस करते हैं.'
- तीसरी मांग है कि भारतीय क्रिकेट टीम को संसद में बुलाया जाए ताकि विश्व कप के लिए उनकी हौसला अफजाई और शुभकामनाएं दी जा सकें.
- चौथी मांग है कि संसद में 50 फीसदी आरक्षण की सीमा को पार करे. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद ओबीसी हैं, ऐसे में वो खुद रिजर्वेशन के बिल को ब्रीफ करें.
- ओवैसी ने इसी विशेष सत्र में शीतकालीन सत्र की तारीखों की मांग भी की है. 5वीं मांग रखते हुए उन्होंने कहा, ऐसा न हो कि विंटर सेशन न हो.
'वन नेशन, वन इलेक्शन' पर कही ये बात
असदुद्दीन ओवैसी ने आखिर में एक देश, एक चुनाव के बिल पेश किए जाने की खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "वन नेशन, वन इलेक्शन, ये असंभव है. अगर ऐसा बिल आता है, तो ये असंवैधानिक होगा. संविधान में संघवाद मूल ढांचे का हिस्सा है. बीजेपी के पास राज्यसभा में बहुमत नहीं है. विधानसभा इसे पास नहीं करेंगे और कोई भी विपक्षी दल इसे स्वीकार नहीं करेगा."
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