पाकिस्तानी उत्पादों पर 200% शुल्क लगाने के फैसले पर लगेगी संसद की मुहर
14 फरवरी को सीआरपीएफ के वाहन काफिले पर हुए आतंकी हमले में 40 जवानों के शहादत के बाद सरकार ने कड़े कदम उठाने का फैसला ले लिया था. पाकिस्तान के बालाकोट में घुसकर 26 फरवरी को तड़के आतंकी ठिकाने ध्वस्त करने से पहले पाक को कारोबार में दिया एमएफएन यानी मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा खत्म कर दिया था.
नई दिल्ली: पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान पर लगाई आयात पाबंदियों पर अब सरकार संसद से भी मंजूरी की मुहर लेगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार को लोकसभा में एक वैधानिक प्रस्ताव पेश करेंगी जिसके तहत पाकिस्तान से होने वाली किसी भी उत्पाद पर 200 फीसद की दर से सीमा शुल्क लगाने के 16 फरवरी 2019 के फैसले को संसद से अनुमोदित कराया जाना है.
महत्वपूर्ण है कि 14 फरवरी को सीआरपीएफ के वाहन काफिले पर हुए आतंकी हमले में 40 जवानों के शहादत के बाद सरकार ने कड़े कदम उठाने का फैसला ले लिया था. पाकिस्तान के बालाकोट में घुसकर 26 फरवरी को तड़के आतंकी ठिकाने ध्वस्त करने से पहले पाक को कारोबार में दिया एमएफएन यानी मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा खत्म कर दिया था. साथ ही पाकिस्तान में बनने वाले या वहां से निर्यात होने वाले किसी भी सामान पर भारत में आयात करने पर 200 प्रतिशत सीमा शुल्क लगाने का भी फैसला ले लिया था. इसके लिए सीमा शुल्क कानून 1975 की पहली अनुसूची में संशोधन करते हुए 16 फरवरी 2019 को अधिसूचना जारी कर दी गई थी.
महत्वपूर्ण हैं कि भारत आतंकवाद के मोर्चे पर पाकिस्तान की आर्थिक नकेल भी कसने में जुटा है. इसके संयुक्त राष्ट्र की वित्तीय निगरानी संस्था एफएटीएफ से ले द्विपक्षीय स्तर पर कदम उठाए गए हैं. वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि वित्त वर्ष 2018-19 में जहां पाकिस्तान से होने वाले आयात का आंकड़ा 3476 करोड़ था. वहीं फरवरी 2019 के पुलवामा आतंकी के बाद यह आंकड़ा गिर कर करीब 18 करोड़ रुपये रह गया है.