Caste Census: बिहार के साथ ये दो राज्य भी केंद्र से कर रहे हैं जातीय जनगणना की मांग, सरकार ने संसद में बताया
Government on Caste Census: केंद्र सरकार ने संसद में जातिवार जनगणना कराने को लेकर जवाब दिया है. साल 2021 में होने वाली जनगणना कोरोना के कारण नहीं हो पाई थी.
Parliament Winter Session 2022: जनगणना की चर्चा के बीच केंद्र सरकार ने मंगलवार (13 दिसंबर) को लोकसभा में बताया कि बिहार, महाराष्ट्र और ओडिशा के साथ कई संगठन जातिवार जनगणना कराने की मांग कर रहे हैं.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में कहा, ''आजादी के बाद केंद्र सरकार ने कभी जातिवार जनगणना नहीं कराई. जनगणना में सिर्फ अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति की गिनती होती आई है.'' उन्होंने लिखित जवाब में बताया कि बिहार, महाराष्ट्र और ओडिशा सहित कई संगठनों ने सरकार से जनगणना में जातिवार जनगणना कराने का अनुरोध किया है.
नित्यानंद राय ने और क्या कहा
लोकसभा में ए गणेश मूर्ति के सवाल का लिखित जवाब देते हुए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि जनगणना में समय-समय पर यथा संशोधित संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश 1950 एवं संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश 1950 के तहत आने वाली जातियों और जनजातियों की गणना की जाती है. उन्होंने कहा कि 2022 में होने वाली जनगणना को लेकर सरकार अपना इरादा 28 मार्च, 2019 के गजट में साफ कर चुकी है. हालांकि कोरोना के कारण अब तक जनगणना का काम शुरू नहीं हो सका है.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि जनगणना में शिक्षा, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति, धर्म, भाषा, विवाह, प्रजनन क्षमता, डिसेबिलिटी, पेशा और व्यक्तियों के प्रवास जैसे विभिन्न सामाजिक आर्थिक मानदंड पर डेटा एकत्र किया जाता है. उन्होंने बताया कि अबकी बार वाली जनगणना डिजिटल होगी. इसके आंकड़ों को इकट्ठा करने के लिए मोबाइल ऐप और विभिन्न जनगणना संबंधी गतिविधियों के प्रबंधन तथा निगरानी के लिए जनगणना पोर्टल विकसित किया गया है. बता दें कि जातिगत जनगणना के लेकर बिहार के सीएम नीतिश कुमार भी पीएम नरेंद्र मोदी से मिल चुके हैं.
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