Parliament Winter Session: संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत अगले सप्‍ताह सोमवार (4 द‍िसंबर) से हो रही है. इससे पहले सांसदों को संसदीय परंपराओं और उसके तौर-तरीकों को लेकर खास न‍िर्देश भी जारी क‍िए गए हैं. यह न‍िर्देश व‍िशेष रूप से राज्‍यसभा में उठाए जाने वाले व‍िषयों के प्रचार को लेकर द‍िए गए हैं. राज्‍यसभा सांसदों को स्‍पष्‍ट क‍िया गया है क‍ि जब तक सभापत‍ि नोट‍िस को स्‍वीकृत‍ि न दें तब तक इसकी जानकारी दूसरे सांसदों के साथ साझा नहीं की जाए.  


शीतकालीन सत्र के शुरू होने से पहले राज्‍यसभा सांसदों के ल‍िए जारी कड़े न‍िर्देशों में इस बात को भी स्‍पष्‍ट कर द‍िया गया है कि सभापत‍ि की मंजूरी से पहले सदन में द‍िए जाने वाले नोट‍िस को सार्वजन‍िक नहीं क‍िया जाए. इन सभी न‍िर्देशों को राज्यसभा सदस्यों के लिए अप्रैल 2022 में प्रकाशित हैंडबुक में न‍िर्द‍िष्ट संसदीय परंपराओं और प्रैक्‍ट‍िस का हवाला देते हुए द‍िया गया है.


सांसदों को बेवजह और विवादित विषयों के प्रचार प्रसार से बचने की सलाह 


इसके साथ ही न‍िर्देशों में यह भी कहा गया है क‍ि सांसदों को बेवजह और विवादित विषयों के प्रचार प्रसार से बचना चाहिए. इस बीच देखा जाए तो अभी तक राज्‍यसभा में व‍िशेष तौर पर विपक्षी सांसद सदन में किसी भी खास मुद्दे को उठाने के नोटिस को सार्वजनिक करते आए हैं लेकिन अब इसे रोकने के ल‍िए सख्‍त न‍िर्देश जारी क‍िए गए हैं. 


संसद का शीतकालीन सत्र 22 द‍िसंबर तक चलेगा 


बता दें, संसद का शीतकालीन सत्र के इस बार 4 दिसंबर से शुरू होकर 22 दिसंबर तक चलने की संभावना है. व‍िंटर सेशन के 19 दिनों के दौरान 15 बैठकें होंगी. संसद का यह शीतकालीन सत्र 5 राज्यों के चुनावी नतीजे आने के अगले दिन से शुरू होने जा रहा है और ऐसे में चुनावी नतीजों का असर संसद सत्र की कार्यवाही पर भी पड़ना तय माना जा रहा है. 


न‍ियमावली के खास न‍िर्देशों पर एक नजर   



  • सदन में थैंक्स, थैंक्यू, जय हिन्द, वंदे मातरम जैसे नारे न लगाए जाएं.

  • सभापति की ओर से दी गई व्यवस्था की सदन के भीतर या बाहर आलोचना नहीं होनी चाहिए.

  • सदन में प्‍ले कार्ड नहीं लहराएं.

  • आसन को पीठ न दिखाई जाए.

  • सदस्य सभापति के पास सीधा न पहुंचे, वे सहायक के हाथों पर्ची भेज सकते हैं.

  • जब सभापति बोल रहे हों तब कोई भी सदस्य सदन न छोड़े, सभापति के बोलते समय सदन में शांति होनी चाहिए.

  • अगर बिना अनुमति के कोई सांसद 60 दिनों तक गैरहाजिर रहता है तो उसकी सीट खाली घोषित की जा सकती है.

  • सदन में सदस्यों की उपस्थिति दर्ज होनी आवश्यक.

  • नए सदस्य का पहला भाषण, मेडन स्पीच, 15 मिनट से अधिक का न हो और विषय से हटकर न बोलें.

  • सदन में एक साथ दो सदस्य खड़े नहीं हो सकते.

  • संसद परिसर में धूम्रपान पर प्रत‍िबंध है.

  • कोई भी सांसद सदन की कार्यवाही की वीडियोग्राफी नहीं करेगा. 


यह भी पढ़ें: संसद के शीतकालीन सत्र को लेकर सरकार ने 2 दिसंबर को बुलाई सर्वदलीय बैठक, प्रह्लाद जोशी ने विपक्ष से मांगा सहयोग