Parliament Winter Session 2024: 'ये कर लीजिए तो सरकार आपकी', अमित शाह ने जीत के लिए कांग्रेस को कौन से तीन मंत्र दिए?
अमित शाह ने कहा कि राहुल गांधी मोहब्बत की दुकान की बात करते हैं, लेकिन मोहब्बत न तो दुकान पर बेचने की चीज है और न ही प्रचार की. मोहब्बत दिल में बसाने का जज्बा है.
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केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार (17 दिसंबर, 2024) को संसद में कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए तीन मंत्र दिए हैं. उन्होंने महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस को इन राज्यों में हार का निरीक्षण करने के लिए किसी कमेटी की जरूरत नहीं है बस उनकी तीन बातें पार्टी मान ले तो जनता उन्हें चुनेगी. कल संसद के शीतकालीन सत्र का 17वां दिन था.
अमित शाह ने कहा, 'मुझे किसी ने कहा कि अभी-अभी महाराष्ट्र और हरियाणा में हार के लिए कांग्रेस पार्टी कोई आत्म निरीक्षण के लिए कमेटी बना रही है. कोई कमेटी की जरूरत नहीं है. मेरा अच्छा खासा अनुभव है. तुष्टीकरण, भ्रष्टाचार और परिवारवाद छोड़ दो, जनता चुनकर ला देगी आपको. कुछ करने की जरूरत नहीं है.'
उन्होंने कहा कि हम लोकतंत्र में हैं तो परिवारवाद नहीं होना चाहिए. पंथ निरपेक्ष राष्ट्र है इसलिए तुष्टीकरण नहीं होना चाहिए और जनकल्याणकारी राज्य है इसलिए भ्रष्टाचार नहीं होना चाहिए. अमित शाह ने कहा, 'मुझे कई बार लगता है कि कांग्रेस पार्टी क्यों संविधान का सम्मान नहीं करती है. मगर जब ये तीन शब्द मैंने पढ़े तो मुझे मालूम पड़ा कि अगर वो संविधान की भावनाओं का सम्मान करेंगे तो तुष्टीकरण, परिवारवाद और भ्रष्टाचार तीनों को छोड़ना पड़ेगा. इसके बिना इनका अस्तित्व ठीक ही नहीं.'
अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिक्र करते हुए कहा कि एक व्यक्ति गरीब के घर से जन्म लेकर आता है. चाय बेचने वाला बेटा, जिसकी सात पुस्तों में न आगे कोई राजनीति में है और न कोई पीछे है. तुष्टिकरण को नहीं मानता है ऐसा आदमी जब 2014 में देश का प्रधानमंत्री बना तो इन्होंने तुष्टीकरण, भ्रष्टाचार और परिवारद के नासूर को हमेशा के लिए साफ कर दिया .
वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर कांग्रेस के विरोध और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की मोहब्बत की दुकान पर अमित शाह ने बात की. उन्होंन कहा कि कांग्रेस एक देश एक चुनाव का विरोध करती है तो उसका तर्क भी तो दे. उन्होंने कहा, 'मैंने मोहब्बत की दुकान के बहुत नारे सुने हैं. मोहब्बत की दुकान हर गांव में खोलने की महत्कांक्षा वाले शख्स के भाषण मैंने सुने हैं. मेरा उनको कहना है कि मोहब्बत दुकान से बेचने की चीज नहीं है भैया. मोहब्बत प्रचार की चीज नहीं है. मोहब्बत दिल में बसाने का जज्बा है और मोहब्बत दूसरों को महसूस कराने का लम्हा है. अगर इतना समझ जाएगा तो कोई तकलीफ नहीं पड़ेगी.'
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