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'शून्य काल में 3 मिनट मिलते हैं', 'ये गंभीर मुद्दा है आप बोलिए', धनखड़ ने दी इजाजत तो सुधांशु त्रिवेदी ने हिंडनबर्ग और पैगासस पर संसद में दी अहम जानकारी

सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि जब यह वर्तमान सत्र 25 नवंबर से प्रारंभ हो रहा था तब 20 नवंबर को अमेरिकन कोर्ट के एक अटॉर्नी की रिपोर्ट आती है और उसे लेकर हंगामा किया जाता है.

राज्यसभा की कार्यवाही गुरुवार (5 दिसंबर, 2024) को भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सुधांशु त्रिवेदी ने शून्यकाल में 'विदेश से राष्ट्रीय हितों पर संदिग्ध और सुस्पष्ट हमलों पर चिंता' विषय पर बोलते हुए उन घटनाओं का हवाला दिया जिनमें पिछले तीन सालों में संसद सत्र से ठीक पहले या उसके दौरान अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं की ओर से भारत से संबंधित मुद्दों को उठाया गया था. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सामरिक, आर्थिक और कूटनीतिक ताकत बनकर उभरा है, तब से देश में विदेशी शक्तियों का परोक्ष रूप से हस्तक्षेप बढ़ा है.

उन्होंने कहा, 'विशेष कर पिछले तीन सालों से जब से विकसित भारत का लक्ष्य रखा गया है, विदेश की ऐसी बहुत सी गतिविधियां हैं, जो भारत की व्यवस्था के आर्थिक, नैतिक और सामाजिक पक्ष पर आक्रमण कर रही हैं.' उन्होंने 'ऑर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट' की एक ताजा रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि इसे विदेशी सरकारों की फंडिंग है और इसके केंद्र में भारत भी है. सुधांशु त्रिवेदी ने इसके साथ ही कहा कि दावा किया गया है कि अमेरिकी कारोबारी जार्ज सोरोस का भी इस रिपोर्ट से संबंध है.

उन्होंने कहा कि तीन वर्षों में देखा गया है कि जब भी संसद का सत्र आरंभ होने को होता है तो कभी किसानों के बारे में रिपोर्ट आती है तो कभी पैगासस की तो कभी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आ जाती है. उन्होंने सवालिया अंदाज में कहा, 'क्या यह एक संयोग है?' उन्होंने कहा कि इसी प्रकार 20 जुलाई 2023 को भारत में संसद का सत्र शुरू होना था तब मणिपुर हिंसा का वीडियो ठीक एक दिन पहले सामने आता है. उन्होंने कहा कि भारत में जब लोकसभा के चुनाव चल रहे थे तब इसी प्रकार कोविड के टीके को लेकर एक रिपोर्ट सामने आई थी.

सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि जब यह वर्तमान सत्र 25 नवंबर से प्रारंभ हो रहा था तब 20 नवंबर को अमेरिकन कोर्ट के एक अटॉर्नी की रिपोर्ट आती है और उसे लेकर हंगामा किया जाता है. वह अभी बोल ही रहे थे कि विपक्ष के कुछ सदस्यों ने इस बात पर आपत्ति जताई कि शून्यकाल में तीन मिनट से अधिक नहीं बोलने का प्रावधान होने के बावजूद सदस्य अपनी बात रखे जा रहे हैं. इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि यह बहुत गंभीर मामला है और इस पर हर किसी के विचार आने चाहिए. जगदीप धनखड़ ने कहा, 'हम सबसे बड़े लोकतंत्र को गैरक्रियाशील नहीं बना सकते हैं. पूरे सदन को एकजुट रहना चाहिए. अगर ऐसा कोई ट्रेंड है, ऐसी कोई पहल है... जो खतरनाक है...जो हमारी संप्रभुता के लिए खतरा है....'

इसके बाद सभापति ने कहा कि वह सुधांशु त्रिवेदी को अपनी बात पूरी करने की इजाजत देते हैं. इस दौरान विपक्षी सदस्यों का हंगामा और तेज हो गया. हंगामे के बीच ही सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि पिछला लोकसभा चुनाव भारत के राजनीतिक इतिहास का एकमात्र चुनाव था जब विदेश की एक सरकार ने... रूसी सरकार ने आधिकारिक तौर पर बयान दिया था कि भारत के चुनाव को प्रभावित किया जा रहा है. उन्होंने कहा, 'यह (गतिविधियां) जान कर हो रहा है या अनजाने में हो रहा है. अगर अंजाने में हो रहा है तो इस पर ईमानदारी से चर्चा होनी चाहिए और अगर जानबूझकर हो रहा है तो इसकी गहन जांच होनी चाहिए.'

सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि उन्होंने किसी घटना का जिक्र नहीं किया है बल्कि सिलसिलेवार हो रही गतिविधियों के क्रम का उल्लेख किया है. उन्होंने कहा, 'इस क्रम को सदन में बैठा हुआ हर व्यक्ति साफ-साफ देख सकता है.' सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, 'जिन लोगों के दिल में यह ख्वाब है कि वह भारत को झुका देंगे तो मैं उनसे कहना चाहता हूं कि हम नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जिस प्रकार से आगे बढ़ रहे हैं... यह मत सोचो कि विदेश से किसी चीज का आज प्रभाव पड़ने वाला है.'

उन्होंने कहा, 'आज भारत अपने स्वाभिमान के साथ आगे बढ़ रहा है.' सुधांशु त्रिवेदी जब बोल रहे थे तब सदन में हंगामा जारी था. सभापति ने तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओब्रायन को बोलने का अवसर दिया लेकिन हंगामा जारी रहने के कारण उन्होंने कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.

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