नई दिल्ली: कश्मीर से अनुच्छेद 370 के हटने के बाद 100 दिन बीत चुके हैं और हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं. लेकिन रह-रहकर के सवाल लगातार उठते हैं कि क्या वाकई में तस्वीर वैसी ही है जैसी दिखाने की कोशिश की जा रही है. सरकार की तरफ से राज्यसभा में भी विपक्ष ने इसी को आधार बनाते हुए सीधे तौर पर सरकार से कई सवाल पूछे. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने जवाबों में आंकड़ों के जरिए बताने की कोशिश की की हालात सामान्य हैं और जो लोग कह रहे हैं कि हालात असामान्य है वह इस पर राजनीति करने की कोशिश कर रहे हैं जबकि तस्वीर उससे एकदम अलग है.


'कश्मीर में कहीं पर भी पूरी तरह से धारा 144 लागू नहीं'
सबसे पहले धारा 144 के मुद्दे पर अमित शाह ने जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा कि कश्मीर में कहीं पर भी पूरी तरह से धारा 144 लागू नहीं है. कुछ एक इलाके जरूर हैं जहां सुबह 8 से शाम 8 बजे तक धारा 144 लागू है लेकिन इसे यह नहीं कहा जा सकता कि पूरे कश्मीर में धारा 144 लगा दी गई है. धारा 144 पर सफाई देते हुए अमित शाह ने कहा यह फैसला स्थानीय प्रशासन की अनुशंसा के आधार पर लिया जाता है क्योंकि स्थानीय प्रशासन ही सुरक्षा और कानून-व्यवस्था को देखकर यह फैसला लेता है और भी मंत्रालय उसी के आधार पर उसकी अनुमति देता है.


स्कूल और कॉलेज खुले
कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद ने सवाल उठाते हुए कहा कि आज भी वहां पर स्कूल और कॉलेज पूरी तरह से नहीं खुल रहे, जो खुल भी रहे हैं वहां पर छात्रों की उपस्थिति बहुत कम है. अमित शाह ने जवाब देते हुए कहा कि स्कूल और कॉलेज खुले हुए हैं बड़ी संख्या में छात्र परीक्षा में बैठ रहे हैं. आंकड़ों के जरिये अमित शाह ने बताने की कोशिश की कि 99 फीसदी छात्र हाल ही में हुई परीक्षाओं में बैठे थे. जो यह बताने के लिए काफी है कि कश्मीर में स्कूल और कॉलेजों को लेकर जो अफवाह फैलाई जा रही है वह गलत हैं.


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मोबाइल इंटरनेट सेवा और स्वास्थ्य की तस्वीर
गुलाम नबी आजाद ने इसके साथ ही स्वास्थ्य और शिक्षा को बेहद जरूरी बताते हुए कहा कि सरकार के फैसले से इन मूलभूत सुविधाओं पर भी असर पड़ रहा है. इसके साथ ही मोबाइल इंटरनेट बंद होने से लोगों को बहुत दिक्कत हो रही है देश के इतिहास में सबसे लंबे वक्त तक के लिए मोबाइल और इंटरनेट की सेवा बंद की गई.


अमित शाह ने गुलाम नबी आजाद के इन सवालों का जवाब देते हुए कहा कहा कश्मीर के लोगों को पर्याप्त मात्रा में दवाइयां उपलब्ध की जा रही है कहीं कोई दिक्कत नहीं है यहां तक कि मोबाइल सेवा भी चालू कर दी गई है जिससे लोगों को आसानी से स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही हैं. रही बात मोबाइल इंटरनेट सेवा की तो हम भी मानते हैं कि इंटरनेट सेवा जितनी जल्दी पूरी तरह से चालू हो जाए उतना अच्छा है. इसको बताने के लिए अमित शाह ने आंकड़ों के जरिए यह भी जानकारी दी कि कश्मीर में 93000 से ज्यादा टेलीफोन लाइन इस वक्त काम कर रही हैं वहीं 59 लाख से ज्यादा मोबाइल कनेक्शन चालू है.


मीडिया पर कोई रोक नहीं, बाजार कोर्ट और दफ्तर खुले
सवालों का जवाब देते हुए अमित शाह ने साफ कर दिया कि मीडिया पर भी किसी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं है वह पूरी तरह से काम कर रहा है. उर्दू और अंग्रेजी के सभी टीवी चैनल चालू है. सरकारी ऑफिस और कोर्ट पूरी तरह से खुले हुए हैं और बाजारों में भी लोग निकल रहे हैं और खरीदारी हो रही है.


किसानों को दी सहूलियत
किसान अमित शाह ने यह भी जानकारी दी कि कश्मीर में खाने-पीने की चीजों की भी कोई कमी नहीं है. किसानों के लिए बात की जाए तो सेब की बिक्री भी नेफेड के माध्यम से बड़े पैमाने पर हुई है और किसानों को उनकी उपज का सही कीमत मिली है.


कश्मीर के हालात पूरी तरह सामान्य
केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने यह जरूर कहा कि जब बात देश की सुरक्षा की हो तो फिर हमको कहीं न कहीं प्राथमिकता तय करनी होगी और जो लोग कहते हैं कि वहां पर स्थिति सामान्य नहीं है मैं साफ करना चाहता हूं कि स्थिति पूरी तरह सामान्य हो चुकी है. 1 अगस्त से एक व्यक्ति की पुलिस की गोली लगने से मौत नहीं हुई पत्थरबाजी की घटनाओं में कमी आई है.


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