Parliament Ruckus: ‘संसद में हाथापाई...’, नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने मकर द्वार पर धक्कामुक्की के लिए किसे ठहराया जिम्मेदार
Ambedkar Row: नगीना सीट से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि ये अच्छी बात है कि बाबासाहेब का कद इतना बड़ा है कि आज पक्ष और विपक्ष दोनों को ही उनकी बात करनी पड़ रही है.
Parliament Ruckus Latest News: संसद के मकर द्वार पर गुरुवार (19 दिसंबर 2024) को विपक्ष के प्रदर्शन के दौरान हुई धक्कामुक्की और इसमें बीजेपी के दो सांसदों के घायल होने का मामला बढ़ता जा रहा है. इसे लेकर जहां बीजेपी के सांसद राहुल गांधी पर तमाम आरोप लगा रहे हैं तो वहीं कांग्रेस के नेता बीजेपी सांसदों पर धक्कामुक्की का आरोप लगा रहे हैं. अब इस मामले में आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के मुखिया और सांसद चंद्रशेखर आजाद की भी प्रतिक्रिया सामने आई है.
चंद्रशेखर आजाद इस मामले में अलग लाइन पर चलते दिख रहे हैं. उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, "घटना मेरी मौजूदगी में नहीं हुई है. मैं परिसर में नहीं था. इसलिए मैं इस पर कुछ ज्यादा नहीं कह सकता, लेकिन जिस तरह की चीजें आ रही हैं, मैं यही कह सकता हूं कि सभी मेंबर जिम्मेदार हैं समझदार हैं, उनके ज्ञान और योग्यता के आधार पर ही लोगों ने उन्हें चुनकर भेजा है. अचानक से ये कैसे हुआ ये चिंता का सबब है. अगर कोई भी वार्ता है या चर्चा है तो वह विचारों के आधार पर हो सकती है. उसमें हाथापाई और धक्कामुक्की की जगह नहीं है."
अंबेडकर के मुद्दे पर चंद्रशेखर ने कही ये बात
इस बातचीत में चंद्रशेखर ने अंबेडकर को लेकर भी अपनी बात कही. उन्होंने कहा, "जहां तक बात है बाबासाहेब आंबेडकर की तो मैं यह स्पष्ट कर दूं कि उनका कद बहुत बड़ा है. चाहे वह अर्थशास्त्री के रूप में हो, चाहे पत्रकारिता में हो, चाहे संविधान के ज्ञाता के रूप में हो, चाहे महिलाओं के मुक्तिदाता के रूप में हो, चाहे कमजोर हक वंचित समाज को मुख्यधारा में लाने के लिए हो या फिर चाहे समर्पण में हो. उन्होंने अपने चार-चार बच्चों का बलिदान देश के लिए कर दिया. ये अच्छी बात है कि उनका कद इतना बड़ा है कि आज पक्ष और विपक्ष को ही उनकी बात करनी पड़ रही है."
सभी दलों को दी ये नसीहत
चंद्रशेखर आजाद ने पक्ष और विपक्षी दलों को नसीहत देते हुए कहा कि बाबा साहेब का अपमान इस बात से भी होता है जब आप सरकारी शिक्षण संस्थान का निजीकरण करते हैं, जब आप उनके सपने को कुचलने का काम करते हैं, जब आप 'वन नेशन, वन इलेक्शन' बिल लेकर आते हैं और संघीय ढांचे पर चोट करते हैं, जब राज्यों की शक्ति को कम करते हैं. ये भी बाबासाहेब का अपमान है. उन्होंने आगे कहा, "मैं सभी पार्टियों से कहूंगा कि वह बाबासाहेब की राजनीति कर रहे हैं ये अच्छी बात है, लेकिन जब वह उनकी बात करते हैं तो ऐसा कुछ न करें जिनसे उनके फॉलोअर्स को ठेस पहुंचे. वह एक जाति और धर्म तक सीमित नहीं हैं. आज उनके चाहने वाले चिंता में हैं और आगे ऐसा कुछ होगा तो पार्टी को भविष्य में इसका खामिजाया भुगतना होगा."
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