India China Relations: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार (03 दिसंबर, 2024) को लोकसभा में भारत-चीन संबंधों और चीन के साथ सीमा विवाद को लेकर कहा कि वहां पर शांति बहाली की कोशिशें जारी है. हालात अप्रैल 2020 से "असामान्य" हैं. उन्होंने बताया कि एलएसी पर कूटनीतिक पहल से एलएसी पर हालात सुधरे हैं और दोनों पक्ष हालात में सुधार को लेकर और बातचीत करने के लिए प्रतिबद्ध है. जयशंकर ने कहा कि भारत और चीन सहमति के साथ ही सभी मसलों का समाधान करेंगे.
विदेश मंत्री ने बताया कि वर्तमान समय में एलएसी पर हालात पहले से बेहतर हुए हैं. भारत और चीन के बीच कई दौर की वार्ता के बाद दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए हैं कि यथास्थिति में किसी प्रकार का एकतरफा बदलाव नहीं किया जाएगा. जयशंकर ने भारतीय सेना को एलएसी पर शांति बहाली का श्रेय दिया. उन्होंने कहा कि हमारे सैनिकों के दृढ़ संकल्प ने सीमा पर स्थिरता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
सीमा पर शांति का महत्व
विदेश मंत्री ने जोर देकर कहा कि सीमा पर शांति और स्थिरता भारत-चीन के सामान्य संबंधों की पूर्व-शर्त है. भारत और चीन के बीच सीमा प्रबंधन को लेकर किए गए पुराने समझौतों को लागू किया जा रहा है. दोनों देशों ने इस बात पर सहमति जताई है कि सीमा पर स्थिति में कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी. बातचीत और सहमति के आधार पर ही दोनों देश सभी मुद्दों को हल करेंगे.
भारत-चीन संबंधों पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
विदेश मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि केवल सीमा पर सामान्य स्थिति के बाद ही भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय बातचीत संभव हो सकी है. बता दें कि सीमा विवाद के कारण भारत और चीन के बीच व्यापारिक और रणनीतिक साझेदारी पर असर पड़ा है. दोनों देश एशिया में प्रमुख आर्थिक ताकतें हैं, लेकिन उनके बीच का यह तनाव ग्लोबल सप्लाई चैन को भी प्रभावित करता है. सीमा विवाद का समाधान न केवल भारत और चीन बल्कि पूरे क्षेत्र की स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है. अगर यह विवाद सुलझता है, तो एशिया में स्थायी शांति की दिशा में एक बड़ा कदम होगा.