S Jaishankar Parliament Winter Session: संसद का शीतकालीन सत्र आज 7 दिसंबर से शुरू हो रहा है. 29 दिसंबर को सत्र खत्म होगा. इस सत्र में 17 बैठकें होंगी. वहीं आज विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर (S. Jaishankar) सदन के शीतकालीन सत्र के पहले दिन संसद को संबोधित करेंगे. वे शीतकालीन सत्र में सरकार की योजनाओं और नीतियों को सदन में रखेंगे. पिछले हफ्ते सरकार ने शीतकालीन सत्र के दौरान पेश किए जाने वाले 16 विधेयकों की सूची भी जारी की थी.
संसद सत्र से पहले सरकार ने सोमवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, जिसमें कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक, बीजद, आप सहित 31 दलों के सदन के नेताओं ने हिस्सा लिया. बैठक में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी भी मौजूद थे. सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए रक्षा मंत्री एवं लोकसभा के उपनेता राजनाथ सिंह ने सदन के सुचारू कामकाज संचालित होने के लिए सभी दलों का सहयोग मांगा.
'देश में आज मुद्दे ही मुद्दे हैं'
सर्वदलीय बैठक के बाद लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने स्पष्ट कर दिया कि "देश में आज मुद्दे ही मुद्दे हैं और विपक्ष सदन में चर्चा और सिर्फ चर्चा करना चाहता है. ऐसे में चर्चा के लिए पर्याप्त समय देकर सरकार को सदन में कामकाज का माहौल तैयार करना चाहिए."
'सरकार चर्चा के लिए तैयार'
दूसरी ओर सरकार की ओर से संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सरकार ने विभिन्न दलों के सदन के नेताओं के साथ सत्र में उठाए जाने वाले विषयों के बारे में विस्तृत चर्चा की और उन्हें शुरू में ही बता दिया कि लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति की अनुमति से नियमों के तहत उनके उठाए मुद्दों पर चर्चा कराने को सत्ता पक्ष तैयार है.
इन विधेयकों को किया जाएगा पेश
- शीतकालीन सत्र में बहु-राज्यीय सहकारी समितियों में जवाबदेही बढ़ाने और चुनावी प्रक्रिया में सुधार से संबंधित विधेयक शामिल हैं.
- सत्र में राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग विधेयक भी पेश किए जाने की संभावना है. इस विधेयक में राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग की स्थापना और दंत चिकित्सक कानून, 1948 को निरस्त करने का प्रस्ताव है.
- राष्ट्रीय नर्सिंग आयोग संबंधी विधेयक भी पेश किए जाने की संभावना है जिसमें राष्ट्रीय नर्सिंग आयोग (NNMC) स्थापित करने और भारतीय नर्सिंग परिषद कानून 1947 को निरस्त करने का प्रस्ताव है.
- सत्र के दौरान छावनी विधेयक, 2022 पेश किए जाने की संभावना है. इस विधेयक के उद्देश्यों में छावनियों में "जीवन की सुगमता" को बढ़ाने का प्रस्ताव भी शामिल है.
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