Parliament Winter Session: सोमवार से संसद का शीतकालीन सत्र, सरकार को घेरने की रणनीति तैयार, क्या एकजुट रहेगा विपक्ष?
Parliament Winter Session: यूपी और पंजाब समेत पांच राज्यों के चुनाव को देखते हुए हर पार्टी अपना सियासी दांव चलने की तैयारी कर रही है. हालांकि, टीएमसी के तेवरों से विपक्ष की एकता पर भी सवाल उठ रहे.
Parliament Winter Session: सोमवार से शुरू हो रहा संसद का शीतकालीन सत्र हंगामेदार रह सकता है. सत्र की शुरुआत कृषि कानूनों को वापस लेने से होगी, लेकिन उसके बाद विपक्षी दलों ने सरकार पर हमले की रूपरेखा तैयार कर ली है. उत्तर प्रदेश और पंजाब समेत पांच राज्यों के चुनाव को देखते हुए हर पार्टी अपना सियासी दांव चलने की तैयारी कर रही है. हालांकि, तृणमूल कांग्रेस (TMC) के तेवरों से विपक्ष की एकता पर भी सवाल उठ रहे हैं.
संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी की ओर से सत्र के पहले बुलाई गई बैठक में कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी पार्टियों ने सरकार के सामने मुद्दों की झड़ी लगा दी. विपक्ष की ओर से बैठक में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी देने के लिए कानून बनाने, कोरोना काल में मरे व्यक्तियों को मुआवजे, बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र को बढ़ाए जाने, बढ़ती महंगाई, पेगासस जासूसी कांड, सीबीआई और ईडी निदेशक का कार्यकाल बढ़ाए जाने और महिला आरक्षण बिल का मुद्दा उठाया गया.
पीएम के शरीक नहीं होने पर जताई गई आपत्ति
इसके अलावा तृणमूल कांग्रेस, बसपा और सपा ने विनिवेश के मुद्दे पर भी चर्चा की मांग की. आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने बैठक से बीच में ही ये कहते हुए वॉक आउट कर दिया कि उन्हें बोलने नहीं दिया जा रहा है. सरकार ने कहा कि वो हर विषय पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन विपक्ष का सहयोग भी जरूरी है. हालांकि, बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शरीक नहीं होने पर विपक्ष के नेताओं ने आपत्ति जताई. राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि वो पीएम के आने की अपेक्षा कर रहे थे. बैठक में मौजूद टीएमसी नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने पीएम की अनुपस्थिति का मुद्दा उठाया.
बीजेपी संसदीय कार्यकारिणी की बैठ में भी नहीं पहुंचे PM
वैसे इस बैठक के बाद हुई बीजेपी संसदीय कार्यकारिणी और एनडीए की बैठक में भी प्रधानमंत्री नहीं पहुंचे. सत्र के पहले ही दिन लोकसभा में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने वाला बिल पेश होने की संभावना है. पहले दिन सदन की कार्यवाही शुरू होने के पहले लोकसभा स्पीकर ओम बिरला की अध्यक्षता में लोकसभा की कार्य मंत्रणा समिति की बैठक होगी, जिसमें ये फैसला होगा कि कृषि कानून वापसी बिल पर कितनी देर चर्चा होगी.
ममता बनर्जी के तेवर से विपक्षी एकता पर सवाल
हालांकि, सत्र शुरू होने से पहले न सिर्फ सरकार बल्कि विपक्ष की सिरदर्दी भी बढ़ गई है. ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस के तेवरों ने सत्र से पहले विपक्षी एकता पर सवाल खड़ा कर दिया है. पार्टी ने एलान किया है कि कल सुबह राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की ओर से बुलाई गई विपक्ष की बैठक में वो शरीक नहीं होगी.
हालांकि, कांग्रेस ने टीएमसी के इस रुख पर ज्यादा महत्व नहीं दिया. राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि उनकी टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन से बात हो चुकी है. खड़गे के मुताबिक, कल टीएमसी के पार्टी नेताओं की एक बैठक बुलाई गई है, इसलिए पार्टी विपक्ष की बैठक में शामिल नहीं हो सकेगी.
ममता ने सोनिया गांधी से नहीं की थी मुलाकात
पिछले कुछ समय से टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी समेत पार्टी के कई नेता ऐसे बयान दे रहे हैं जिससे लगने लगा है कि पार्टी कांग्रेस से दूरी बना रही है. पिछले हफ्ते दिल्ली दौरे पर आईं ममता बनर्जी ने सोनिया गांधी से मुलाकात नहीं की और जब उनसे इसकी वजह पूछा गया, तो ममता बनर्जी ने कहा था कि सोनिया से हर बार मुलाकात करना जरूरी नहीं है.
बाद में टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन ने ट्वीट करके कहा कि संसद में विपक्ष की एकता मुद्दों के आधार पर होगी. डेरेक के मुताबिक, बाकी पार्टियों और कांग्रेस के बीच संबंध की तुलना कांग्रेस-टीएमसी के संबंध से नहीं की जा सकती है, क्योंकि आरजेडी, शिवसेना, डीएमके और एनसीपी जैसी पार्टियों के साथ कांग्रेस का चुनावी समझौता रहा है, जबकि टीएमसी के साथ ऐसा कभी नहीं रहा.
ये भी पढ़ें-