पेट्रोल-डीजल पर कितना वैट वसूल रहे हैं गैर बीजेपी शासित राज्य? केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने संसद में बताया
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने लोकसभा में पेट्रोल उत्पादों की कीमत के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि गैर बीजेपी शासन के राज्यों में वैट कम नहीं किया गया है.
Parliament Winter Session 2022: पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने लोकसभा की कार्यवाही के दौरान गुरुवार (15 दिसंबर) को कहा कि छह गैर-बीजेपी शासित राज्यों पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल और झारखंड ने पेट्रोलियम उत्पादों पर वैट कम नहीं किया है जिससे वहां पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ गई हैं.
हरदीप सिंह पुरी ने लोकसभा में कहा कि केंद्र सरकार ने पेट्रोलियम उत्पादों पर उत्पाद शुल्क घटाया है और कुछ अन्य राज्यों ने कहने के बाद अपने राज्य में वैट कम किया है लेकिन गैर बीजेपी शासित राज्यों में पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल और झारखंड ने वैट कम नहीं किया है.
कितना वैट वसूल रहे हैं गैर बीजेपी राज्य?
उन्होंने कहा कि उनमें से कुछ 17 रुपये की दर से वैट वसूल रहे हैं और अन्य गैर-बीजेपी राज्य 32 रुपये की दर से पेट्रोल उत्पादों पर वैट वसूल रहे हैं. उन्होंने कहा कि इसलिए इसमें एक अंतर है. जब सदस्य कह रहे थे कि आज पेट्रोल की कीमत कुछ जगहों पर 100 रुपये प्रति लीटर है तो कुछ जगहों पर उससे कम भी है.
भारत में सबसे सस्ता है पेट्रोल
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि वर्तमान में भारत में पेट्रोल की कीमत सबसे कम है. अंतरराष्ट्रीय बाजारों का जिक्र कर उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल की ऊंची कीमतों के कारण तेल कंपनियों को मिलकर 27,276 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
उन्होंने संसद में विरोध कर रहे सांसदों को देख कर कहा कि मेरा सुझाव है कि विपक्ष के सांसद वैट को कम करने के लिए अपनी राज्य सरकारों पर प्रभाव डालें फिर वे उनका विरोध कर सकते हैं.
जरूरत का कितना तेल आयात करता है भारत?
हरदीप पुरी ने कहा कि भारत अपनी कच्चे तेल की जरूरत का 85 फीसदी से ज्यादा तेल आयात करता है इसलिए, देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार में उन कीमतों से जुड़ी हुई हैं.
उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतें कच्चे तेल की खरीद मूल्य, विनिमय दर, शिपिंग शुल्क, अंतर्देशीय भाड़ा, रिफाइनरी मार्जिन, डीलर कमीशन, केंद्रीय कर, राज्य वैट और अन्य लागत जैसे विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है.
कब से नहीं बढ़े हैं पेट्रोल के दाम?
हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) की रिकॉर्ड उच्च अंतरराष्ट्रीय कीमतों के बावजूद 6 अप्रैल, 2022 से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि नहीं की गई है.
उन्होंने कहा कि परिणामस्वरूप वित्तीय वर्ष 2021-22 की पहली छमाही में 28,360 करोड़ रुपये के संयुक्त कर पूर्व लाभ के मुकाबले, तीन ओएमसी, आईओसीएल, बीपीसीएल और एचपीसीएल ने मौजूदा पहली छमाही में 27,276 करोड़ रुपये का संयुक्त नुकसान दर्ज किया है.