Parliament Winter Session: संसद के शीतकालीन सत्र (Winter Session) का आगाज बुधवार (7 December) से हो रहा है. शीतकालीन सत्र 29 दिसंबर तक चलेगा. 23 दिनों के सत्र के दौरान 17 बैठकें होंगी. शीतकालीन सत्र के दौरान बैठकें संसद के पुराने भवन में ही होंगी. सत्रहवीं लोक सभा का ये दसवां सत्र होगा, जबकि उच्च सदन यानी राज्य सभा का 258वां सत्र होगा. आम तौर पर संसद का शीतकालीन सत्र नवंबर के तीसरे हफ्ते में शुरू होता है. हालांकि ये कोई तय समय नहीं है. 2017 और 2018 में शीतकालीन सत्र का आयोजन दिसंबर में किया गया था. इस साल गुजरात विधान सभा चुनाव को देखते हुए शीतकालीन सत्र की शुरुआत दिसंबर में हो रही है.


सरकार की मंशा है कि आजादी के अमृतकाल में हो रहे सत्र के दौरान ज्यादा से ज्यादा विधायी कार्य निपटाए जाएं. इसके साथ ही सरकार जनहित से जुड़े कई मुद्दों पर सार्थक बहस के लिए भी तैयार है. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा भी है कि सरकार सत्र के सुचारू संचालन को लेकर विपक्ष का सहयोग चाहती है और आशा है कि विपक्षी दल भी इस सत्र के संचालन में सकारात्मक भूमिका निभाएंगे. 


कांग्रेस बाधित नहीं करेगी कार्यवाही 


मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने भी सत्र के सुचारू संचालन को लेकर अपनी मंशा जाहिर कर दी है. कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि इस बार वो सत्र को बाधित नहीं करेगी. कांग्रेस ने सत्र के दौरान केंद्र सरकार को घेरने के लिए कई मुद्दे तय किए हैं. कांग्रेस भारत-चीन सीमा विवाद, संवैधानिक संस्थाओं में सरकार की दखल के अलावा आर्थिक मुद्दों के तहत महंगाई, बेरोजगारी और जीएसटी के मसलों को सदन में उठाएगी. कांग्रेस किसानों के लिए एमएसपी क़ानून की गारंटी के मुद्दे पर भी सरकार को घेरने की तैयारी में है. भारत जोड़ो यात्रा की वजह से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी, जयराम रमेश और दिग्विजय सिंह  समेत कई नेता के इस बार संसद के शीतकालीन सत्र में शामिल नहीं हो सकते हैं.


शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार 16 नए विधेयक पेश करेगी. इन विधेयकों पर एक नजर डालते हैं:


1. बहुराज्य सहकारी सोसाइटी (संशोधन) विधेयक, 2022 (The Multi-State Cooperative Societies (Amendment) Bill)


    बहु-राज्यीय सहकारी समितियों में जवाबदेही बढ़ाने और चुनावी प्रक्रिया में सुधार से संबंधित विधेयक शामिल हैं.


2. राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग विधेयक, 2022 (The National Dental Commission Bill)
 
 इस विधेयक में राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग की स्थापना करने का प्रवाधान है. साथ ही पुराने  दंत चिकित्सक कानून, 1948 को निरस्त करने का प्रस्ताव है.


3. राष्ट्रीय परिचर्या और प्रसूति विद्या आयोग विधेयक,2022  (The National Nursing and Midwifery Commission Bill)


   इसमें राष्ट्रीय नर्सिंग और मिडवाइफरी आयोग (NNMC)बनाने और भारतीय नर्सिंग परिषद कानून 1947 को निरस्त करने का प्रस्ताव है. 


4.  बहु-राज्यीय सहकारी सोसाइटी (संशोधन) विधेयक, 2022 (The Multi-State Cooperative Societies (Amendment) Bill) 


    सहकारी समितियों में शासन को मजबूत करने, पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने और चुनावी प्रक्रिया में सुधार के मकसद से ये बिल लाया जा रहा है. बिल के जरिए बहु-राज्य सहकारी सोसाइटियों के लिए व्यापार को आसान बनाने के लिए मॉनीटरिंग मेकैनिज्म को बेहतर किया जाएगा. 


5. छावनी विधेयक, 2022 (The Cantonment Bill, 2022)


  इस विधेयक का मकसद  छावनियों में  जीवन यापन की सरलता को सुगम बनाना है. ये छावनियों के प्रशासन से जुड़ा विधेयक है. इसके जरिए  छावनियों को आधुनिक बनाने का प्रयास किया जाना है.  


6. तटीय जल कृषि प्राधिकार संशोधन विधेयक 2022 (The Coastal Aquaculture Authority (Amendment) Bill) 


इस बिल का मकसद वर्तमान कानून में संशोधन करना है ताकि तटीय क्षेत्रों में पर्यावरण संरक्षण के सिद्धांतों से समझौता किए बिना विभिन्न हितधारकों पर नियामक अनुपालन बोझ को कम किया जा सके. इसके जरिए जल कृषि के सभी कार्यक्षेत्रों और गतिविधियों को इसके दायरे में लाया जाएगा, जिससे इस क्षेत्र का सतत विकास सुनिश्चित हो. क्षेत्रीय जरूरतों और मौजूदा परिस्थितियों के आधार पर नियमों में बदलाव का प्रस्ताव है, जिससे तटीय जल कृषि फार्मो और अन्य गतिविधियों के पंजीकरण में आने वाली कठिनाइयों को कम किया जा सके. बिल के जरिए कारावास के प्रावधानों को हटाकर जुर्माने का प्रवाधान किया जा रहा है. 


7. उत्तर-पूर्व जल प्रबंधन प्राधिकरण विधेयक, 2022 (The North East Water Management Authority Bill)  


ये ब्रह्मपुत्र बेसिन सहित पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र में जल संसाधनों के एकीकृत प्रबंधन के मकसद से लाया जाने वाला बिल है. इसके जरिए उत्तर पूर्व जल प्रबंधन प्राधिकार (NEWMA) गठित करने का प्रस्ताव किया गया है जो बाढ़ प्रबंधन और इलाके के आर्थिक सुधार में सहायक होगा. ये वर्तमान में मौजूद  ब्रह्मपुत्र बोर्ड की जगह लेगा. NEWMA के दायरे में पूर्वोत्तर के आठ राज्य और पश्चिम बंगाल आएंगे. NEWMA के अध्यक्ष केंद्रीय जल शक्ति मंत्री होंगे और पूर्वोत्तर के सभी राज्यों के मुख्यमंत्री इसके सदस्य होंगे. वर्णमाला के अनुसार बारी-बारी से एक साल के लिए इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों को प्राधिकार का उपाध्यक्ष बनाया जाएगा.


8. व्यापार चिन्ह संशोधन विधेयक, 2022 (The Trade Marks (Amendment) Bill)


 इसके जरिए मैड्रिड रजिस्ट्रीकरण प्रणाली (Madrid Registration System) में ट्रांसफॉर्मेशन और रिप्लेसमेंट से संबंधित कुछ प्रावधान जोड़े जाएंगे. इसके अलावा ट्रेड मार्क आवेदनों (TM applications) की प्रक्रिया को तेज करने के लिए कारण बताओ, सुनवाई, इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन जैसे विषयों में सुधार किया जाएगा.


9. माल का भौगोलिक उपदर्शन (रजिस्ट्रीकरण और संरक्षण) संशोधन विधेयक (The Geographical Indications of Goods (Registration and Protection) Amendment Bill)


इस विधेयक के जरिए Geographical Indications से जुड़े कानून में संशोधन किया जाना है. इसके जरिए GI की प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा, ताकि ज्यादा से ज्यादा स्टेकहोल्डर इसका लाभ उठा सकें.


10. कला क्षेत्र प्रतिष्ठान (संशोधन) विधेयक, 2022 (The Kalakshetra Foundation (Amendment) Bill)


विधेयक के जरिए 1993 के कानून में संशोधन किया जाना है. इससे कला क्षेत्र प्रतिष्ठान को सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा, ग्रैजुएट-पोस्ट ग्रैजुएट,  डॉक्टरेट और पोस्ट डॉक्टरेट कोर्स के डिग्री देने के अधिकार में बढ़ोतरी होगी. विधेयक के प्रस्तावों से डांस, पारंपरिक रंगमंच, नाटक, पारंपरिक संगीत, विजुअल आर्ट्स, शिल्प कला के क्षेत्रों में रिसर्च को बढ़ावा मिलेगा.


11. पुराना अनुदान विधेयक ( विनियमन) 2022 (The Old Grant (Regulation) Bill)


इसके जरिए Governor General Order के तहत दी गई जमीन को रेगुलेट करने, ट्रांसफर करने और ऐसी जमीनों के बेहतर प्रबंधन करने का प्रस्ताव किया गया है. बिल का मकसद ऐसी जमीनों पर जीवनयापन को सरल बनाकर सरकारी अधिकारों का संरक्षण है. 


12. निरसन औरसंशोधन विधेयक,2022 (The Repealing and Amending Bill)


इस विधेयक का मकसद कई गैर जरूरी और अप्रचलित कानूनों को  को रद्द करना है. 


13. संविधान (अनुसूचित जनजातियां) आदेश (पांचवां संशोधन) विधेयक 2022 (The Constitution (Scheduled Tribes) Order (Fifth Amendment) Bill)


इस विधेयक का मकसद छत्तीसगढ़ की अनुसूचित जातियों  और अनुसूचित जनजातियों की सूची में संशोधन करना है. 


14. संविधान (अनुसूचित जनजातियां) आदेश (चौथा संशोधन) विधेयक 2022 (The Constitution (Scheduled Tribes) Order (Fourth Amendment) Bill)


इस विधेयक का मकसद कर्नाटक की अनुसूचित जनजातियों की सूची में संशोधन करना है.  


15. संविधान (अनुसूचित जनजातियां) आदेश (दूसरा संशोधन) विधेयक 2022 (The Constitution (Scheduled Tribes) Order (Second Amendment) Bill)


इस विधेयक का मकसद तमिलनाडु की अनुसूचित जनजातियों की सूची में संशोधन करना है.


16. संविधान (अनुसूचित जनजातियां) आदेश (तीसरा संशोधन) विधेयक 2022 (The Constitution (Scheduled Tribes) Order (Third Amendment) Bill)


  इस विधेयक का मकसद हिमाचल प्रदेश की अनुसूचित जनजातियों की सूची में संशोधन करना है.


साल में तीन बार होता है संसद का सत्र


संविधान में अनुच्छेद 85 में संसद सत्र के बारे में प्रवाधान किया गया है. इस अनुच्छेद के मुताबिक संसद का सत्र बुलाने का अधिकार राष्ट्रपति के पास है. हालांकि व्यवहार में ये शक्ति केंद्र सरकार के पास है. संसदीय  मामलों की कैबिनेट समिति सत्र की तारीखों पर फैसला लेकर इसे राष्ट्रपति के पास भेज देती है. इसके बाद राष्ट्रपति इसे औपचारिक तौर से स्वीकार कर लेते हैं. ऐसे तो देश में कोई निश्चित संसदीय कैलेंडर नहीं है. आम तौर पर एक वर्ष में तीन सत्र होते हैं.


पहला सत्र बजट सत्र है जो सबसे लंबा चलता है. इसका आयोजन साल के शुरुआत में होता है. आम तौर पर जनवरी के अंत में शुरू होकर बजट सत्र अप्रैल के आखिर या मई के पहले हफ्ते में खत्म होता है. ये दो चरणों में चलता है. बीचे के अवकाश में संसदीय समितियां बजट से जुड़े प्रस्तावों की पड़ताल करती हैं.


संसद का दूसरा सत्र मॉनसून सत्र है, जो आम तौर पर जुलाई में शुरू होकर अगस्त में खत्म होता है. साल के आखिर में शीतकालीन सत्र का आयोजन किया जाता है. अमूमन शीतकालीन सत्र का आयोजन नवंबर से दिसंबर के बीच किया जाता है.


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