संसद के शीतकालीन सत्र में सांसदों के निलंबन के बीच वॉशरूम का मुद्दा भी चर्चाओं में है. समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन ने मंगलवर (19 दिसंबर) को वॉशरूम का मुद्दा उठाया और बताया कि संसद के वॉशरूम की हालत बहुत भयानक है. पिछले दो दिनों में 141 सांसदों को निलंबित किया गया. सोमवार (18 दिसंबर) को 78 और मंगलवार (19 दिसंबर) को 49 सांसदों को सस्पेंड किया गया था.
141 में से 95 लोकसभा और 46 सांसद राज्यसभा के हैं. सांसदों के निलंबन को लेकर विपक्ष भड़का हुआ है. विपक्षी सांसदों ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह विपक्ष मुक्त संसद देखना चाहती है इसलिए यह कदम उठाया है. सांसदों ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार अधिनायकवादी रवैया अपना रही है और ऐसा करके सरकार ने लोकतंत्र का गला घोंटा है. सांसदों के निलंबन के चलते विपक्षी दलों का गठबंधन इंडिया राज्यसभा में करीब आधी और लोकसभा में अपनी एक तिहाई ताकत खो चुका है.
तीन महिला सांसदों ने किया वॉकआउट
इस बीच, सपा सांसद जया बच्चन ने संसद के वॉशरूम का मुद्दा उठाया है. उन्होंने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि हमारे वॉशरूम की हालत इतनी खराब है कि पूछिए मत. कल तीन महिला सांसदों ने संसद से वॉकआउट कर दिया था. इसे लेकर जया बच्चन ने कहा, 'हमारी सुबह से कोई सुनावई नहीं हो रही है. हम सुबह से चिल्ला कर रहे हैं. सभापति बोल रहे हैं आप लोगों की सहनशक्ति देखते हैं. 11 बजे तक संसद चलाएंगे.'
संसद के वॉशरूम को लेकर क्या बोलीं जया बच्चन?
जया बच्चन ने आगे कहा, 'कल हमारे सांसदों को डिसमिस कर दिया और आज जो सदस्य वेल में गए थे, उन्हें डिसमिस नहीं किया. हर आधे घंटे में वो लोग तो चले जाते हैं पानी पीने और बाथरूम. हमारे बाथरूम की भी हालत इतनी भयानक है कि में आप लोगों को क्या बताऊं. अनफेयर इनजस्ट. आप कौन सा मैजर इस्तेमाल कर रहे हैं कि कल सांसदों को डिसमिस कर दिया आज जो वेल में गए उन्हें डिसमिस नहीं किया.' जया बच्चन ने कहा कि आपको बिल पास करना था ऐसे ही कर देते. अभी आए-नो बोलने की क्या दरकार है.ये सब नाटक किस लिए.
1989 में 63 सांसदों को किया गया था सस्पेंड
संसद से पहले कभी इतनी बड़ी संख्या में सांसदों को निलंबित नहीं किया गया था इसलिए इस बार के निलंबन को अभूतपूर्व कहा जा रहा है. इससे पहले 15 मार्च 1989 को लोकसभा के 63 सासंदों को सस्पेंड किया गया था. उस वक्त सांसद पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या की जांच करने वाली आयोग की रिपोर्ट सदन में पेश करने की मांग को लेकर हंगामा कर रहे थे.