Parliament Winter Session Live Updates: नोटों का बंडल मिलने के बाद राज्यसभा में हंगामा, सदन स्थगित
Parliament Winter Session Updates: राज्यसभा और लोकसभा में आज फिर से हंगामा हो सकता है. कांग्रेस ने अडानी मुद्दे पर चर्चा की मांग की है.
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Parliament Winter Session Updates: संसद का शीतकालीन सत्र पहले दिन से ही हंगामेदार रहा है. विपक्षी दल लगातार अडानी और संभल हिंसा को लेकर सरकार हमला कर रहे हैं.
राज्यसभा और लोकसभा में आज हंगामा देखने को मिल सकता है. कांग्रेस लगातार अडानी के मुद्दे पर चर्चा की मांग उठा रही है. वहीं, विपक्ष के विरोध प्रदर्शन के बीच सरकार का कार्य सुचारू रूप से जारी रखने का प्रयास कर रही है.
अडानी मुद्दे पर कांग्रेस ने साधा निशाना
कांग्रेस सांसद के.सी. वेणुगोपाल ने कहा, "जब भी हम अडानी के भ्रष्टाचार के खिलाफ जांच की मांग करते हैं, तो उस (भाजपा) पक्ष की ओर से चरित्र हनन की बात सामने आती है. वे हमें धमकाने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन चाहे कुछ भी हो जाए हम लड़ाई जारी रखेंगे. यह संसद केवल सरकार के लिए है, विपक्ष के लिए नहीं. वे विपक्ष को कोई जगह नहीं दे रहे हैं."
निशिकांत दुबे पर कांग्रेस हमलावर
कांग्रेस सांसद और महासचिव (संगठन) के.सी. वेणुगोपाल ने कहा, "सम्पूर्ण कांग्रेस सदस्यों ने विपक्ष के नेता राहुल गांधी को संभल जाने से रोके जाने का मुद्दा उठाया. स्पीकर ने निशिकांत दुबे को शून्यकाल में बोलने की अनुमति दी. शून्यकाल के दौरान उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष राहुल गांधी, वायनाड सांसद और पूरी कांग्रेस पार्टी के खिलाफ सबसे अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया जो बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है."
उन्होंने आगे कहा, "संसद के इतिहास में इससे पहले इस तरह की अपमानजनक टिप्पणी का इस्तेमाल नहीं किया गया है. जिस दिन से राहुल गांधी अडानी भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़े हुए, उस दिन से अडानी के एजेंट्स ने राहुल गांधी को गाली देना शुरू कर दिया. हम इस तरह की चालों से पीछे नहीं हटेंगे. हम स्पीकर से कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं."
गौरव गोगोई ने उठाई कार्रवाई की मांग
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, "कांग्रेस और विपक्षी दलों ने अडानी और प्रधानमंत्री मोदी के बीच गहरे संबंधों का सबूत दिखाया और प्रश्नकाल में TMC सांसद ने साबित किया कि सभी हवाई अड्डों का निजीकरण किया जा रहा है जिससे अडानी कंपनी को फायदा हो रहा है. जब हमने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को संभल जाने से रोकने का मुद्दा उठाने की कोशिश की तो भाजपा सांसद ने घिनौनी टिप्पणी की.
उन्होंने आगे कहा है कि हमने देखा है कि जब भी राहुल गांधी अडानी के खिलाफ आवाज उठाते हैं तो संसद में अडानी के कुछ एजेंट, अडानी के स्लीपर सेल सक्रिय हो जाते हैं.उन्होंने (भाजपा सांसद ने) घिनौनी टिप्पणी की. हम मांग करते हैं कि ऐसी टिप्पणी करने वाले सांसद माफी मांगें और अध्यक्ष इसके खिलाफ कार्रवाई करें."
राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित
राज्यसभा की कार्यवाही दोबारा शुरू होने के कुछ ही मिनट बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई.आईयूएमएल के अब्दुल वहाब ने न्यायिक मामलों की बढ़ती संख्या पर भाषण देना शुरू किया, वैसे ही विपक्ष की तरफ से नारेबाजी की गई. इस दौरान उपसभापति ने विरोध कर रहे सदस्यों को शांत करने का प्रयास किया. लेकिन अंत में उन्होंने सदन को दिन भर के लिए स्थगित कर दिया.
राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित
राज्यसभा की कार्यवाही दोबारा शुरू होने के कुछ ही मिनट बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई.आईयूएमएल के अब्दुल वहाब ने न्यायिक मामलों की बढ़ती संख्या पर भाषण देना शुरू किया, वैसे ही विपक्ष की तरफ से नारेबाजी की गई. इस दौरान उपसभापति ने विरोध कर रहे सदस्यों को शांत करने का प्रयास किया. लेकिन अंत में उन्होंने सदन को दिन भर के लिए स्थगित कर दिया.
राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित
प्रश्नकाल में हैदराबाद-बेंगलुरु इंडस्ट्रियल कॉरिडोर पर चर्चा को लेकर विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया था. इस हंगामे के बढ़ने के बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया.
राज्यसभा: सदस्यों ने जैव-उर्वरकों को बढ़ावा देने पर चर्चा की
एआईएडीएमके एम. थंबीदुरई ने कृषि भूमि पर रासायनिक खादों के नुकसान पर सवाल उठाया. उन्होंने पूछा कि क्या केंद्र सरकार इस मुद्दे पर जागरूकता फैलाने के लिए कदम उठा रही है. कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने जवाब देते हुए कहा कि उर्वरकों के अंधाधुंध इस्तेमाल से किसी को भी नुकसान होगा. उन्होंने यह भी कहा कि 2014 से एनडीए सरकार ने कृषि भूमि के कल्याण के लिए नीतियां बनाई हैं.
राज्यसभा: सदन में किसानों की आय बढ़ाने के कदमों पर चर्चा हुई
किसानों की समस्याओं पर चल रही चर्चा के दौरान एमडीएमके वाइको ने तमिलनाडु के किसानों की दुर्दशा के बारे में बात की. उन्होंने स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट पर केंद्र के रुख पर भी सवाल उठाए. इस पर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, "यूपीए सत्ता में थी, तो उसने एमएसपी के लिए स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को ध्यान में नहीं रखा. इसके बाद उन्होंने मौजूदा एनडीए सरकार और पिछली यूपीए सरकार के एमएसपी दरों की तुलना की