Parliament Winter Session: विपक्षी पार्टियों ने गिनाए अपने मुद्दे, सर्वदलीय बैठक के बाद सरकार ने भी साफ किया रुख
Parliament Winter Session: शीतकालीन सत्र में विधायक के कार्यों का सवाल है. सरकार की ओर से 17 नए बिलों समेत कुल 22 बिलों को पारित करवाए जाने का प्रस्ताव रखा गया है.
Parliament Winter Session: संसद का शीतकालीन सत्र बुधवार (7 दिसंबर) से शुरू होने जा रहा है. सत्र ऐसे दिन शुरू हो रहा है जब दिल्ली में एमसीडी और अगले दिन गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए हुए चुनाव का परिणाम आने वाला है.
संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने सत्र का कामकाज सुचारू रूप से चलाने के लिए मंगलवार (6 दिसंबर) को सर्वदलीय बैठक बुलाई. बैठक में सभी विपक्षी दलों ने सेशन के दौरान उठाए जाने वाले मुद्दों की बड़ी सूची सरकार को सौंपी. अलग-अलग मुद्दों के अलावा कुछ ऐसे मुद्दे हैं जिन्हें ज्यादातर विपक्षी दलों ने सरकार के सामने रखा.
कौन-कौन से मुद्दे शामिल हैं?
इनमें भारत-चीन सीमा विवाद और विदेश नीति, सरकार और न्यायपालिका के बीच टकराव, विपक्षी दलों की तरफ से शासित राज्यों के साथ सौतेला व्यवहार और संघीय ढांचे पर चोट जैसे मुद्दों पर चर्चा की मांग की गई है. इसके अलावा महंगाई बेरोजगारी, किसानों को एमएसपी और देश के आर्थिक हालात जैसे विषयों पर भी संसद में बहस की मांग की गई.
सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस ने एम्स सर्वर हमला और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भी चर्चा करवाने की मांग की. वहीं तृणमूल कांग्रेस ने असम-मेघालय सीमा विवाद और बंगाल के साथ केंद्र सरकार के तथाकथित सौतेले व्यवहार का मुद्दा भी उठाया.
बैठक के दौरान हुआ विवाद
सर्वदलीय बैठक के दौरान एक विवाद भी पैदा हो गया. बैठक में क्रिसमस के दौरान भी संसद सेशन चलाए जाने का मामला उठाया गया. सूत्रों के मुताबिक़ बैठक में मौजूद उत्तर पूर्व राज्यों की कुछ पार्टियों ने सुझाव दिया कि क्रिसमस के चलते सत्र को 23 दिसंबर को ही ख़त्म कर दिया जाए और बाक़ी का हिस्सा जनवरी के पहले हफ्ते में चलाया जाए. तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस ने भी इस सुझाव का समर्थन किया. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, "सरकार को क्रिसमस की तारीखों का ख्याल रखकर सेशन की तारीख तय करनी चाहिए थी."
हालांकि सरकार ने विपक्ष की इस मांग की निंदा करते हुए इसे सिरे से खारिज कर दिया. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने अधीर रंजन चौधरी को जवाब देते हुए कहा, "सरकार भी क्रिसमस धूमधाम से मनाएगी, लेकिन इसके चलते किसी काम को नहीं रोका जा सकता."
22 बिलों का प्रस्ताव रखा गया
शीतकालीन सत्र में विधायक के कार्यों का सवाल है. सरकार की ओर से 17 नए बिलों समेत कुल 22 विधेयकों को पारित करवाए जाने का प्रस्ताव रखा गया है. इन बिलों में मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटीज बिल, वन संरक्षण संशोधन बिल और कर्नाटक समेत तीन अन्य राज्यों में अनुसूचित जाति और जनजाति की सूचित संशोधित करने से जुड़े बिल शामिल हैं.
हालांकि सूत्रों का कहना है कि सत्र के दौरान इनमें कुछ और बिल भी जोड़े जा सकते हैं. फिलहाल सरकार के लिए राहत की बात यह है कि अब तक किसी भी विपक्षी दल ने किसी मुद्दे पर संसद की कार्यवाही बाधित करने की बात तो नहीं की है, लेकिन गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव और एमसीडी के नतीजे आने के बाद सरकार पर विपक्ष हमलावर हो सकता है.