नई दिल्ली: दिल्ली में प्रदूषण की समस्या थमने का नाम नहीं ले रहे ही. यहां हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर तक पहुंच चुकी है. हालात ये हैं कि दिल्ली और एनसीआर के सभी स्कूलों में छुट्टी कर दी गई है. वहीं इस समस्या से निपटने के लिए संसद की स्थाई समिति की बैठक बुलाई गई है.


प्रदूषण को लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच चल रहे आरोप प्रत्यारोप के बीच आज शहरी विकास मंत्रालय से जुड़ी संसद की स्थाई समिति की बैठक बुलाई गई है. बैठक में शहरी विकास मंत्रालय के अधिकारियों को तलब किया गया है. सूत्रों के मुताबिक अधिकारियों से दिल्ली में प्रदूषण रोकने के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में सवाल जवाब किया जाएगा.


अधिकारियों से ये भी पूछा जाएगा कि प्रदूषण रोकने के लिए दिल्ली-एनसीआर के नगर निगमों के अलावा डीडीए, एनडीएमसी और एनबीसीसी जैसी संस्थाओं की क्या भूमिका है. बीजेपी सांसद जगदम्बिका पाल इस समिति के अध्यक्ष हैं और इसमें सभी दलों के सांसद शामिल हैं.


खतरनाक स्तर पर पहुंचा प्रदुषण


पिछले कई दिनों से राजधानी दिल्ली और एनसीआर के इलाकों में हवा की गुणवत्ता बेहद ख़राब बनी हुई है. गुरुवार को दिल्ली में हवा की औसत गुणवत्ता 463 मापी गई जो बेहद खतरनाक श्रेणी में आती है. एनसीआर में हालात और ख़राब हैं. ग़ाज़ियाबाद और नोएडा में जहां गुणवत्ता का स्तर 486 रहा. वहीं फरीदाबाद में 437 और गुरुग्राम में 412 रेकॉर्ड किया गया. गाजियाबाद और नोएडा में हवा की गुणवत्ता देशभर में सबसे ख़राब मापी गई है.


इस मामले पर राजनीति भी खूब हो रही है. दिल्ली सरकार इस प्रदूषण के लिए लगातार हरियाणा और पंजाब में जलाए जा रहे पराली को ज़िम्मेदार ठहराती आ रही है. प्रदूषण कम करने के लिए दिल्ली सरकार ने 4 नवम्बर से 15 नवम्बर तक ऑड ईवन लागू किया जिसका विजय गोयल जैसे बीजेपी के कुछ नेताओं ने विरोध किया था. वहीं अब इस स्कीम को और बढ़ाया जा सकता है.


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