नई दिल्ली: लद्दाख को चीन का हिस्सा बताए जाने के मामले पर डाटा प्रोटेक्शन पर संसदीय समिति ने ट्विटर से कड़े शब्दों में नाराज़गी जाहिर की है. संसदीय समिति ने इस मामले पर ट्विटर को तलब करके समिति के सामने पेश होने को कहा था.


समिति के सामने ट्विटर ने जो जवाब दिया उससे समिति के सदस्यों ने एक मत से अपर्याप्त करार दिया है. समिति की अध्यक्षा मीनाक्षी लेखी ने कहा कि यह एक अपराध है जिसके लिए सात सालों की सजा तक का प्रावधान है. समिति ने इस मामले पर ट्विटर के शीर्ष अधिकारियों से लिखित जवाब मांगा है.


ट्विटर इंडिया के अधिकारियों ने आज संयुक्त समिति के सामने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि ट्विटर भारत की संप्रभुता का सम्मान करता है लेकिन समिति ने इसे नाकाफी बताया. ट्विटर की ओर से शगुफ्ता कामरान, पल्लवी वालिया, आयुषी कपूर और मानविंदर बाली संयुक्त समिति के सामने पेश हुए थे.


18 अक्टूबर को ट्विटर ने अपने प्लेटफॉर्म पर लेह-लद्दाख को जियो टैग लोकेशन को चीन का दिखाया था. मामले की गंभीरता को देखते हुए मोदी सरकार के आईटी सचिव अजय साहनी ने ट्विटर के सीईओ जैक डोर्सी को चेतावनी भरा पत्र भी लिखा था.


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