ऑक्सीजन और बेड की कमी को लेकर संसदीय समिति ने पिछले साल ही दिए थे सरकार को सुझाव, रिपोर्ट में किया गया दावा
कोरोना की दूसरी लहर ने देशभर में कोहराम मचाया हुआ है. वहीं, अब एक रिपोर्ट के मुताबिक संसदीय समिति ने सरकार को अस्पतालों में बेड की संख्या और ऑक्सीजन के उत्पादन को बढ़ाने के पिछले साल ही सुझाव दिए गए थे.
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देशभर में कोरोना की दूसरी लहर कहर बरपायी हुई है. वहीं, अब जो हैरान कर देने वाली बात सामने आ रही है वो ये कि कोरोना की इस दूसरी लहर से पहले संसदीय समिति ने सरकार को अस्पतालों में बेड की संख्या और ऑक्सीजन के उत्पादन को बढ़ाने के सुझाव दिए थे.
बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य संबंधी स्थायी समिति ने बीते साल नवंबर महीने में एक रिपोर्ट के आधार पर ऑक्सीन सिलेंडर की कीमत को किफायती दर तय कर उपलब्धता को सुनिश्चित करने की बात की थी. दरअसल, समिति की अध्यक्षता समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव ने की थी जिसमें बीजेपी के 16 सदस्य भी शामिल हुए थे.
ऑक्सीजन के उत्पादन पर खास ध्यान दें सरकार- समिति
समिति ने कहा था कि, "सरकार को कोरोना को लेकर गंभीर बने रहना चाहिए साथ ही हर परिस्थिती से निपटने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाने के लिए तैयार रहना चाहिए." साथ ही समिति ने कहा कि, "सरकार ऑक्सीजन के उत्पादन पर खास ध्यान दें जिससे आने वाले वक्त में किसी भी अस्पताल में ऑक्सजी की कमी के चलते किसी की मौत ना हो."
समिति ने सरकारी अस्पतालों में बिस्तर की संख्या पर भी खास ध्यान देने को के सुझाव दिए थे. समिति ने बताया कि इस बात को लेकर चर्चा हुई थी कि अस्पतालों में बिस्तर की कमी और वेंटिलेटर की कमी ना हो इसके लिए अभी से काम शुरू कर दिया जाए.
ऑक्सीजन की कमी के चलते रोजाना हो रही मौतें
वहीं, अब कोरोना से देश भर में स्थिति बेकाबू बनी हुई है. रोजाना लाखों की संख्या में मरीजों का आंकड़ा सामने आ रहा है. हालात ये हैं कि अस्पतालों में लोगों को बिस्तर नहीं मिल रहा है. वहीं, कई मरीज ऑक्सीजन की कमी के चलते अपनी जिंदगी से हाथ धो रहे है तो वहीं अब अंतिम संस्कार के लिए शमशान घाट कम पड़ गए हैं.
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