संसदीय समिति की बैठक: कांग्रेस ने कहा- छात्र आंदोलनों से निपटने के दूसरे उपाय खोजे पुलिस, बात-बात में धारा 144 लगाना सही नहीं
स्थाई समिति की बैठक का एजेंडा तो दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में बढ़ते अपराध पर चर्चा करना था लेकिन समिति में मौजूद कांग्रेस के सदस्यों ने छात्र आंदोलनों का मामला भी उठा दिया.
नई दिल्ली: देश के अलग अलग विश्विद्यालयों में चल रहे छात्र आंदोलन का मुद्दा आज संसद की स्थाई समिति की बैठक में भी गुंजा. गृह मंत्रालय से जुड़ी संसद की स्थाई समिति की बैठक में इस मामले पर सदस्यों ने पुलिस के आला अधिकारियों से सफ़ाई मांगी.
बार बार धारा 144 क्यों लगाना ?
स्थाई समिति की बैठक का एजेंडा तो दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में बढ़ते अपराध पर चर्चा करना था लेकिन समिति में मौजूद कांग्रेस के सदस्यों ने छात्र आंदोलनों का मामला भी उठा दिया. बैठक में केंद्रीय गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा दिल्ली पुलिस कमिश्नर , राजस्थान और हरियाणा के पुलिस महानिदेशक और उत्तर प्रदेश के एक महानिदेशक स्तर के अधिकारी मौजूद थे. सूत्रों के मुताबिक़ कांग्रेस के एक सांसद ने पुलिस अधिकारियों , ख़ासकर दिल्ली पुलिस कमिश्नर से छात्र आंदोलनों से निपटने के लिए बार बार भारतीय दंड संहिता की धारा 144 लगाने का कारण जानना चाहा. सदस्य ने कहा कि धारा 144 लगाने के बाद पुलिस को छात्रों के ख़िलाफ़ डंडा चलाने का मौका मिल जाता है जो ठीक नहीं है. ऐसे में छात्र आंदोलनों से निपटने के लिए कोई और तरीका सोचना चाहिए. हालांकि इस दौरान किसी विश्विद्यालय या वहां की घटना का ज़िक्र नहीं किया गया.
पुलिस जवानों के प्रदर्शन पर कमिश्नर से सवाल
बैठक में मौजूद सदस्यों ने दिल्ली पुलिस के जवानों द्वारा ही पुलिस मुख्यालय का घेराव कर धरना प्रदर्शन करने की घटना को गम्भीर क़रार दिया. सदस्यों ने बैठक में मौजूद दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक से इस बारे में सवाल जवाब किया. सदस्यों का कहना था कि देश की राजधानी में ही पुलिस के जवानों के इस एक्शन से देशभर में ग़लत सन्देश गया है. सदस्यों ने पटनायक से पूछा कि आख़िर ऐसे हालात कैसे बन गए ? बैठक में मौजूद एनसीआर राज्यों के आला पुलिस अधिकारियों और दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने अपने अपने यहां अपराध का आंकड़ा पेश किया.
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