नई दिल्ली: कोरोना काल में देश की अर्थव्यवस्था में आई गिरावट को लेकर संसद की स्थायी समिति ने गहरी चिंता जताई है. समिति ने कहा है कि अर्थव्यवस्था को इस गिरावट से उबारने के लिए सरकार को कई और ठोस क़दम उठाने की ज़रूरत है. वाणिज्य मंत्रालय से जुड़ी संसद की स्थायी समिति ने कोरोना काल में जीडीपी विकास की दर में नकारात्मक वृद्धि पर गहरी चिंता जताते हुए कहा है कि 2017 से ही विकास दर में गिरावट का क्रम जारी है.
निवेशकों को प्रेरित करने की ज़रूरत- समिति
समिति का मानना है कि कोरोना काल के बाद देश में निवेश बढ़ाने के लिए अलग अलग सेक्टरों की पहचान कर निवेशकों को प्रेरित करने की ज़रूरत है. इसके लिए इज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत भूमि अधिग्रहण, कर प्रणाली, बैंक क्रेडिट और अन्य प्रक्रियाओं को ज़्यादा सरल एयर व्यवहारिक बनाने की सिफ़ारिश की गई है.
भूमि अधिग्रहण की समस्या को समिति ने गम्भीर बताते हुए इसका जल्द से जल्द दीर्घावधि समाधान निकालने की सलाह दी गई है. इसके लिए केंद्र और सभी राज्यों के सम्बंधित मंत्रियों की एक अधिकार प्राप्त समिति बनाने की सिफ़ारिश की गई है. समिति का कहना है कि इस मामले में नीति बनाने के साथ साथ देश में एक भूमि बैंक (Land Bank) बनाने पर भी अधिकार प्राप्त समिति विचार कर सकती है.
जीएसटी को 28 फ़ीसदी से घटाकर 18 फ़ीसदी करने की सिफ़ारिश
अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाने के लिए ऑटोमोबाइल सेक्टर को एक अहम क्षेत्र बताया गया है. इस सेक्टर को पुनर्जीवित करने के लिए समिति ने सरकार को दो अहम सिफ़ारिशें की हैं. समिति ने सरकार से हर तरह की गाड़ियों और गाड़ियों के कल पुर्जों पर लगने वाले जीएसटी को 28 फ़ीसदी से घटाकर 18 फ़ीसदी करने की सिफ़ारिश की है. इसके अलावा समिति ने पुरानी गाड़ियों को नष्ट करने की एक नीति (Scrappage Policy) बनाने की सिफ़ारिश की है. समिति का मानना है कि इन दोनों कदमों से बाज़ार में गाड़ियों की मांग बढ़ेगी जिससे इस सेक्टर को पुनर्जीवित करने में मदद मिल सकेगी.
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