Senior Citizen Rail Fare Concession: कोराना महामारी के बाद से बुजुर्गों को रेलवे में रियायत मिलनी बंद हो गई थी. दरअसल कोरोना महामारी के बाद अब-तक देश की हालातों में काफी सुधार हो चुका है, तो अब एक बार फिर से वरिष्ठ नागरिकों को रेल किराए में छूट देने की मांग शुरू हो चुकी है. संसद की एक स्थायी समिति ने भी इस बात की सिफारिश की है. 


बता दें कि भारतीय रेलवे 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के पुरुषों को किराए में 40 प्रतिशत की छूट देता था और महिलाओं के लिए न्यूनतम आयु 58 वर्ष होने पर 50 प्रतिशत की छूट दी जाती थी. ये रियायतें मेल/एक्सप्रेस/राजधानी/शताब्दी/दुरंतो समूह की ट्रेनों के सभी वर्गों के किराए में दी गई थीं, लेकिन कोरोना आने के बाद 20 मार्च 2020 से बंद कर दी गई थी. 


समिति ने सदन में पेश की रिपोर्ट


सांसद राधा मोहन सिंह की अध्यक्षता में रेल मंत्रालय संबंधी संसद की स्थायी समिति ने इसकी सिफारिश की है. सोमवार (13 मार्च) को यह रिपोर्ट संसद के दोनों सदनों में सोमवार (13 मार्च) को पेश की गई. समिति ने कहा, "सीनियर सिटीजन को मिलने वाली रियायत को फिर से शुरू किया जाना चाहिए."


समिति ने रेल मंत्रालय से इस पर विचार करने का आग्रह किया है. समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा, "यदि सभी श्रेणी में ऐसा संभव नहीं हो तो कम से कम स्लीपर और थर्ड एसी में वरिष्ठ नागरिकों को छूट देने पर विचार किया जाए, ताकि कि कमजोर और वास्तव में जरूरतमंद नागरिक इन वर्गों में सुविधा का लाभ उठा सकें." 


वरिष्ठ नागरिकों का आंकड़ा घटा


रेलवे ने कहा, "रियायत फिर से शुरू करने की उसकी कोई तत्काल योजना नहीं है. पहले से ही सभी यात्रियों को 50-55 प्रतिशत की रियायत दी जा रही है." रेलवे के मुताबिक, साल 2019 में रेलवे से सफर करने वाले वरिष्ठ नागरिकों की संख्या 7.4 करोड़ थी. उसके बाद से लगातार रेलवे से यात्रा करने वाले वरिष्ठ नागरिकों की संख्या में गिरावट देखी जा रही है. साल 2021 की बात करें तो यात्रा करने वाले वरिष्ठ नागरिकों की संख्या 7.4 करोड़ से कम होकर 1.3 करोड़ हो गई. 


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