नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के अकाउंट को ट्विटर द्वारा लॉक करने का मामला गर्माता जा रहा है. सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से जुड़ी संसदीय स्थायी समिति ने अब ट्विटर से इस मामले पर सफ़ाई मांगी है. कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अध्यक्षता वाली इस समिति ने ट्विटर से दो दिनों में जवाब देने को कहा है. 


समिति से जुड़े सचिवालय ने इस सोशल मीडिया कम्पनी को एक पत्र लिखकर पूछा है कि आख़िर किन नियमों के तहत रविशंकर प्रसाद का ट्विटर अकाउंट लॉक किया गया ? सूत्रों ने बताया कि न सिर्फ़ रविशंकर प्रसाद बल्कि ख़ुद शशि थरूर और एक अन्य सांसद का भी अकाउंट एक बार लॉक कर दिया गया था. समिति के सूत्रों का कहना है कि अगर ट्विटर की ओर से दी गई सफ़ाई सतोषजनक नहीं रही तो इस सोशल मीडिया कम्पनी के अधिकारियों को फिर से तलब कर पूछताछ की जाएगी.


इसके पहले 18 जून को भी समिति ने ट्विटर के अधिकारियों को बुलाकर नए आईटी नियमों को लागू करने के सम्बंध में जवाब तलब किया था. उस दिन ट्विटर के अधिकारियों ने कहा था कि कम्पनी अपने नियमों के मुताबिक़ ही काम करती है. इस मसले पर सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय का पक्ष जानने के लिए मंत्रालय के अधिकारियों को भी बुलाने का फ़ैसला हुआ है. सूत्रों के मुताबिक़ ये बैठक 6 जुलाई को होने की संभावना है.


उधर, आज इस समिति की हुई बैठक में फेसबुक और गूगल के अधिकारियों को बुलाया गया था. सूत्रों के मुताबिक़ बैठक में दोनों कम्पनियों से साफ़ साफ़ कहा गया कि भारत के नए आईटी नियमों का पालन करना ही पड़ेगा. हालांकि दोनों कम्पनियां पहले ही नए नियमों के पालन को लेकर सहमत हो चुकी हैं. सूत्रों के मुताबिक़ बैठक में फेसबुक अधिकारियों से निजी डेटा की सुरक्षा को लेकर मौजूद सदस्यों ने कई सवाल पूछे. एक सदस्य ने व्हाट्सअप में आदान प्रदान हो रहे संदेशों की निजता को लेकर भी सवाल पूछा. 


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