स्कूलों में ऑनलाइन क्लास का मामला: ISRO की मदद से सैटेलाइट क्लासरूम बनाए जाने का संसदीय समिति ने दिया सुझाव
सैटेलाइट क्लासरूम के लिए गुजरात और ओडिशा के मॉडल का अनुसरण करने की बात कही गई है. समिति ने इसरो के अधिकारियों को बुलाकर उनकी राय लेने का भी निर्णय लिया है.
नई दिल्ली: देशभर के ज्यादातर स्कूल और कॉलेज पिछले एक साल के लंबे वक्त से बंद हैं. छात्रों को ऑनलाइन क्लास के जरिए पढ़ाई करनी पड़ रही है. ऑनलाइन पढ़ाई में कई बार स्मार्टफोन और इंटनेट कनेक्शन की कमी के चलते छात्रों को बाधा आने की शिकायतें मिलती रहती हैं.
ऐसे में अब शिक्षा मंत्रालय से जुड़ी संसद की स्थायी समिति ने सरकार से सैटेलाइट क्लासरूम तैयार करने का सुझाव दिया है ताकि बच्चों की पढ़ाई में कोई बाधा न आ सके. सैटेलाइट क्लासरूम के तहत एक ही जगह पर कुछ बच्चे एक साथ पढ़ाई कर सकते हैं. समिति ने इसके लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान यानि इसरो की मदद लेने का सुझाव दिया है. समिति ने अगली बैठक में इसरो के अधिकारियों को बुलाकर उनकी राय लेने का भी निर्णय लिया है.
सैटेलाइट क्लासरूम के लिए गुजरात और ओडिशा के मॉडल का अनुसरण करने की बात कही गई है जहां भारत सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत काम करने वाली एक कंपनी ऐसी सेवाएं दे रही हैं. समिति के एक सदस्य ने एबीपी न्यूज से कहा कि देश की एक बड़ी आबादी के लिए स्मार्टफोन रखना आसान नहीं है. साथ ही, ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट कनेक्शन में कई बार दिक्कत आती है जिससे पढ़ाई बाधित होने की शिकायतें मिलती हैं.
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