Parliamentary Panel On Pension: राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम के तहत बुजुर्ग, विधवाओं और दिव्यांग व्यक्तियों के लिए 200 रुपये से लेकर 500 रुपये तक की पेंशन को लेकर संसद में एक संसदीय पैनल खासा नाखुश रहा. पैनल ने पेंशन की मामूली राशि को लेकर अपनी रिपोर्ट में कहा कि यह "बिल्कुल स्वीकार्य नहीं है."


पैनल ने ग्रामीण विकास मंत्रालय को कैबिनेट के लिए एक नया प्रस्ताव बनाने और पेंशन राशि बढ़ाने के लिए तत्काल जोर देते हुए "अपनी ठोस क्षमताओं का उपयोग करने" की सिफारिश की है. एनएसएपी के तहत कवर किए गए गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) श्रेणी के तीन करोड़ से अधिक लाभार्थी हैं और इस योजना के तहत पेंशन बढ़ाने को लेकर बार-बार की गई मांग के बावजूद इसमें को कोई परिवर्तन नहीं किया गया.


स्थाई समिति की रिपोर्ट में क्या?


ग्रामीण विकास और पंचायती राज पर 31 सदस्यीय स्थायी समिति ने ग्रामीण विकास विभाग से संबंधित अनुदान मांगों को लेकर 2023-24 पर अपनी रिपोर्ट में कहा है "ये समझ से परे है कि इतनी कम सहायता राशि उन लाभार्थियों को किस प्रकार की सहायता कैसे प्रदान कर सकती है जो समाज के हाशिए पर और आर्थिक रूप से संकटग्रस्त वर्ग से संबंधित हैं.”


कनिमोझी करुणानिधि की अध्यक्षता वाली समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मामूली सहायता राशि लंबे समय से समिति के लिए चिंता का कारण रही है. समिति ने कहा, “समिति को यह बहुत कम राशि लगती है, जब जीवन यापन की लागत में इतनी बढ़ोत्तरी हुई है, यह बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है.”


क्या है एनएसएपी?


राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (NSAP) पूरी तरह से केंद्र सरकार का प्रायोजित कार्यक्रम है. इसमें योग्य लाभार्थियों के लिए इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विकलांगता पेंशन योजना के तहत मात्र 200 रुपये से लेकर 500 रुपये प्रति माह तक दिए जाते हैं.


इसके अलावा एनएसएपी में राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना (एनएफबीएस) भी शामिल है जिसमें परिवार के मुखिया की मृत्यु हो जाने पर बीपीएल परिवारों को 20 हजार रुपये की सहायता प्रदान की जाती है. वहीं, अन्नपूर्णा योजना के तहत वृद्धावस्था पेंशन प्राप्त नहीं करने वाले बीपीएल वरिष्ठ नागरिकों को प्रतिमाह 10 किलो अनाज दिया जाता है. एनएफबीएस और अन्नपूर्णा मांग आधारित योजनाएं हैं.


ये भी पढ़ें: BPL परिवारों को हर महीने पैसे देगी कर्नाटक सरकार, जानिए कितने मिलेंगे और क्या है योजना