सैन्य बजट में न हो कोई कमी, संसदीय समिति ने इस वजह से सरकार से की ये सिफारिश
लोकसभा में पेश एक रिपोर्ट में कमेटी ने कहा कि 2022-23 के लिए 2,15,995 करोड़ रूपए की मांग का अनुमान लगाया गया था, लेकिन इसके लिए 1,52,369.61 करोड़ का आवंटन किया गया था.
![सैन्य बजट में न हो कोई कमी, संसदीय समिति ने इस वजह से सरकार से की ये सिफारिश Parliamentary Standing Committee on Defence said Adequate budgetary allocations must be made available to the armed forces सैन्य बजट में न हो कोई कमी, संसदीय समिति ने इस वजह से सरकार से की ये सिफारिश](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/7/2016/12/07074702/indian-army.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
पड़ोसी देशों के साथ बढ़ते तनाव के मद्देनजर रक्षा संबंधी संसदीय स्थायी समिति ने सिफारिश की है कि रक्षा मंत्रालय को सशस्त्र बलों के बजटीय आवंटन में कोई कमी नहीं करनी चाहिए. बुधवार को लोकसभा में पेश एक रिपोर्ट में बीजेपी सांसद जुआल ओराम की अध्यक्षता वाले पैनल ने कहा कि मौजूदा हालात में कुछ पड़ोसी देशों के साथ तनाव में बढ़ोत्तरी हुई है. खासकर बॉर्डर पर ऐसी स्थिति बनी हुई है. ऐसे में रक्षा तैयारियों के लिए बजट में कमी करना उचित नहीं है. रक्षा संबंधी संसदीय स्थायी समिति ने कहा कि कुछ पड़ोसी देशों के साथ बढ़ते तनाव के मौजूदा परिदृश्य को देखते हुए सशस्त्र बलों को पर्याप्त बजटीय आवंटन उपलब्ध कराया जाना चाहिए.
सैन्य बजट में न हो कोई कमी- संसदीय समिति
पूंजीगत परिव्यय और बजटीय आवंटन के लिए तीन रक्षा सेवाओं की मांग के बीच अंतर का उल्लेख करते हुए, पैनल ने सिफारिश की कि रक्षा मंत्रालय को आने वाले कुछ सालों में परिव्यय में कोई कमी नहीं करनी चाहिए. बुधवार को लोकसभा में पेश एक रिपोर्ट में कमेटी ने कहा कि 2022-23 के लिए 2,15,995 करोड़ रूपए की मांग का अनुमान लगाया गया था, लेकिन इसके लिए 1,52,369.61 करोड़ का आवंटन किया गया था. इस तरह बजट में कटौती रक्षा सेवाओं की परिचालन तैयारियों से समझौता कर सकती है.
रक्षा तैयारियों के अनुकूल नहीं है बजट- संसदीय समिति
2022-23 में बजट अनुमान स्तर पर, आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के लिए अनुमानित और आवंटित बजट के बीच का अंतर क्रमशः 14,729.11 करोड़, 20,031.97 करोड़ और 28,471.05 करोड़ है रुपए, जो उल्लेखनीय रूप से अधिक है. समिति ने कहा कि उसका विचार है कि हमारे पड़ोसी देशों के साथ विशेष रूप से हमारे देश की सीमाओं पर बढ़ते तनाव के मौजूदा परिदृश्य में ऐसी स्थिति रक्षा तैयारियों के लिए अनुकूल नहीं है. रक्षा संबंधी संसदीय समिति का नेतृत्व बीजेपी सांसद जुआल ओराम कर रहे हैं. इस समिति में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, एनसीपी नेता शरद पवार समेत 30 सांसद शामिल हैं.
ये भी पढ़ें;
स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा, कहा- भारत अन्य देशों के मुकाबले ओमिक्रोन वेरिएंट से बेहतर तरीके से निपटा
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)