संसदीय समिति के प्रमुख ने शाह से कहा- नफरत भरे बोल पर अंकुश के लिए IPC और CRPC में करें संशोधन
Hate Speech: गृह मामलों से संबंधित संसद की स्थायी समिति ने गृह मंत्री अमित शाह से आग्रह किया है कि नफरत भरे बोल और इस तरह के चलन पर अंकुश लगाने के लिए प्रभावी कदम उठाएं.
Parliamentary Standing Committee on Hate Speech: गृह मामलों की संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष आनंद शर्मा ने गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) से नफरत भरे बोल पर अंकुश लगाने का आग्रह किया है. शाह को पत्र लिखकर सरकार से अभद्र भाषा की सभी अभिव्यक्तियों से निपटने के लिए IPC और CRPC में संशोधन सहित विधायी कार्रवाई पर विचार करने का आग्रह किया.
राज्यसभा में कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने गृह मंत्री को पत्र लिखकर कहा कि सभी तरह के नफरत भरे भाषणों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए भारतीय दंड संहिता (IPC) और दंड प्रक्रिया संहिता में संशोधन समेत विधायी कदम उठाने की जरूरत है. ‘नफरत भरे बोल की बढ़ती घटनाओं’ की ओर शाह का ध्यान आकर्षित करते हुए उन्होंने कहा कि इस तरह की बातों का मकसद समाज के कुछ वर्गों खासकर अल्पसंख्यकों और महिलाओं को निशाना बनाना होता है और यह गंभीर चिंता का विषय है. उनका कहना है कि इस तरह की जुबान बोलने वाले लोग असुरक्षा और अविश्वास का माहौल पैदा करने के लिए भावनाएं भड़का रहे हैं.
Chairman of the Parliamentary Standing Committee on Home Affairs, Anand Sharma, has written to Home Minister Amit Shah and urged "the government to consider legislative action, including amendments to the IPC and CrPC, to deal with all manifestations of hate speech." pic.twitter.com/yOnlQckOtm
— ANI (@ANI) January 21, 2022
“कानून-व्यवस्था लागू करने के संदर्भ में कड़े और ठोस कदम उठाएं”
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘नफरत भरे बोल का इस्तेमाल धर्म, जाति और नस्ल के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता और वैमनस्य को बढ़ावा देने के हथियार के तौर पर किया जा रहा है. मेरे विचार में, अगर इस पर अंकुश नहीं लगाया गया तो यह कानून के राज को कमजोर करेगा और हमारे नागरिकों के जीवन के मौलिक अधिकार, स्वतंत्रता और स्वाभिमान के लिए खतरा पैदा करेगा. मैं इसमें आपका तत्काल दखल चाहता हूं. यह आग्रह किया जाता है कि गृह सचिव को सलाह दी जाए कि वे राज्यों के मुख्य सचिवों एवं पुलिस महानिदेशकों को कानून-व्यवस्था लागू करने के संदर्भ में कड़े और ठोस कदम उठाने के लिए संवेदनशील बनाएं.’’
संसदीय समिति के प्रमुख ने कहा कि कुछ हालिया घटनाओं और हिंसा के सुनियोजित कृत्यों की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया में सुर्खियां बनी हैं. उनके मुताबिक, इससे देश की छवि धूमिल होती है तथा यह जरूरी है कि संविधान की मूल भावना की रक्षा की जाए.
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