15 दिसंबर से होगा संसद का शीतकालीन सत्र, सीसीपीए ने लगाई मुहर
संसद के शीतकालीन सत्र को लेकर हंगामे पर सीसीपीए ने आखिरी मुहर लगा दी है. संसद का शीतकालीन सत्र 15 दिसंबर से शुरू होकर 5 जनवरी तक चलेगा.
नई दिल्ली: संसद का शीतकालीन सत्र 15 दिसंबर से शुरू होकर 5 जनवरी तक चलेगा. एबीपी न्यूज़ की ख़बर पर आज संसदीय मामलों से जुड़ी कैबिनेट कमिटी ( सीसीपीए ) ने अपनी मुहर लगा दी. जल्द ही इस बारे में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को सरकार की ओर से अनुशंसा भेजी जाएगी.
नये साल के पहले दिन भी संसद इस ख़बर का इंतज़ार काफ़ी दिनों से किया जा रहा था. सीसीपीए की बैठक में सत्र की संभावित तारीख़ों पर चर्चा के बाद ये फ़ैसला किया गया. इस दौरान संसद की 14 बैठकें होंगी. 15 दिसंबर से 5 जनवरी के दौरान शनिवार और रविवार को छोड़कर केवल दो दिन यानि क्रिसमस के लिए 25 और 26 दिसंबर को छुट्टियां रहेंगी. दिलचस्प बात ये है कि अगर सरकार की तय की गई कार्यसूची के मुताबिक़ काम हुआ तो 1 जनवरी यानि नववर्ष के दिन भी संसद चलेगी.
तीन तलाक़ ख़त्म करने से जुड़ा बिल सरकार की प्राथमिकता सीसीपीए की बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि सरकार हर मुद्दे पर चर्चा कराने के लिए तैयार है और इसके लिए समूचे विपक्ष के सहयोग की ज़रूरत है. अनंत कुमार के मुताबिक़ एक झटके में तीन तलाक़ ख़त्म करने और राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्ज़ा देने संबंधी बिल सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है. अनंत कुमार ने कहा - " ये दोनों बिल देश के लोगों की आकांक्षा और सपनों को प्रकट करते हैं. "
दिवालियापन से जुड़े क़ानून ( Bankruptcy & Insolvency Code ) में बदलाव के लिए लाए गए अध्यादेश की जगह संसद से बिल पारित करवाना भी सरकार की एक अहम प्राथमिकता होगी.
मोदी सरकार सवालों से भाग रही: कांग्रेस दरअसल संसद के शीतकालीन सत्र को लेकर कांग्रेस और तमाम विपक्ष की तरफ़ से मोदी सरकार पर लगातार हमला हो रहा है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के दौरान आरोप लगाया था कि राफ़ेल डील , महंगाई और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों से बचने के लिए सरकार संसद सत्र नहीं बुलाना चाहती है. ताकि गुजरात चुनाव से पहले वो जवाब देने से बच सकें. कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के रूख़ से साफ़ है कि वो बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह और जीएसटी जेसे मुद्दों पर भी सरकार को घेरने की तैयारी कर रही है.
सरकार का जवाब सरकार की तरफ़ से वित्त मंत्री अरूण जेटली ने जवाब देते हुए कहा था कि ये पहली बार नहीं हो रहा है कि चुनाव के चलते संसद सत्र में हेरफ़ेर किया जा रहा हो. बक़ौल जेटली '' सामान्यतः संसद सत्र और चुनावों का ओवरलैपिंग नहीं होता है. चूंकि सभी पार्टियों को चुनाव अभियान में शामिल होना होता है.... बीजेपी के लिए तो ये चुनाव बड़ा अहम है , मैं नहीं जानता कि कांग्रेस के नेता चुनाव प्रचार करेंगे या नहीं ". आज सीसीपीए की बैठक के बाद अनंत कुमार ने भी दावा किया कि राज्य के चुनावों के मद्देनज़र पहले भी संसद सत्र की तारीख़ों में फ़ेरबदल होता रहा है.
नियमित सत्र होगा शीतकालीन सत्र सरकार ये पहले ही साफ़ कर चुकी है कि 15 दिसंबर से शुरू होने वाला सत्र नियमित सत्र होगा. वित्त मंत्री जेटली के मुताबिक़ चूंकि सत्र इसी साल शुरू होगा इसलिए अंत तक यानि 5 जनवरी तक उसे शीतकालीन सत्र ही माना जाएगा. दरअसल परंपरा के मुताबिक़ साल के पहले सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हैं लेकिन जेटली के मुताबिक़ उसकी ज़रूरत इस सत्र में नहीं पड़ेगी.