नई दिल्लीः संसद का एक महीने लंबा शीतकालीन सत्र 11 दिसम्बर से शुरू होगा. इस दिन पांच राज्यों की विधानसभाओं के लिए पड़े वोटों की गिनती भी शुरू होगी. मंत्रिमंडल की संसदीय मामलों की समिति (सीसीपीए) ने मंगलवार रात संसद का शीतकालीन सत्र 11 दिसंबर से आठ जनवरी तक आहूत करने की अनुशंसा की थी. आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी.


अगले लोकसभा चुनावों से पहले नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का यह अंतिम पूर्ण संसदीय सत्र होगा. विधानसभा चुनावों के परिणामों की छाया संसदीय कार्यवाही पर दिखाई देगी. इन चुनावों में सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला है. मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम विधानसभा चुनावों के नतीजे 11 दिसम्बर को आएंगे.





संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल ने इस बात की पुष्टि की है कि सत्र 11 दिसम्बर से लेकर 8 जनवरी तक चलेगा और इसमें 20 कार्य दिवस होंगे. उन्होंने कहा, ‘हम सभी दलों का सहयोग और समर्थन चाहते हैं ताकि सत्र के दौरान संसद का संचालन सुचारू ढंग से हो सके.’


सरकार राज्यसभा में लंबित चल रहे तीन तलाक विधेयक को पारित कराने का प्रयास करेगी. एक ही बार में तीन तलाक बोलने को अपराध घोषित करने के लिए अध्यादेश लाया गया था. सरकार यह भी चाहती है कि भारतीय चिकित्सा परिषद संशोधन अध्यादेश और कंपनीज संशोधन अध्यादेश के स्थान पर लाये जाने वाले विधेयक के रूप में इस सत्र में पारित किया जाए.


संसद का शीतकालीन सत्र आमतौर पर नवंबर में शुरू होता है. और यह लगातार दूसरा साल है जब शीतकालीन सत्र दिसंबर में शुरू होगा. पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के कारण इस साल सत्र में विलंब हुआ है.


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