2022-23 में मनरेगा के तहत सबसे ज्यादा रही महिला श्रमिकों की भागीदारी, लोकसभा में सरकार ने जारी किया आंकड़ा
ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत महिलाओं की भागीदारी दर पिछले 10 सालों में सबसे ज्यादा बढ़ी है. केरल, हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु और राजस्थान में महिला श्रमिकों का आंकड़ा पुरुषों से भी ज्यादा है.
NREGS: केंद्र सरकार ने लोकसभा (Lok Sabha) में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (NREGS) को लेकर जानकारी दी. केंद्र ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में औपचारिक कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी पिछले एक दशक में 56.62 प्रतिशत पर सबसे ज्यादा रही है. यह आंकड़ा 2012-13 में 51.30 प्रतिशत था.
एक प्रश्न के लिखित उत्तर में ग्रामीण विकास राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति (Sadhvi Niranjan Jyoti) ने मंगलवार (6 फरवरी) को कहा कि ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत महिलाओं की भागीदारी दर पिछले 10 सालों में सबसे ज्यादा बढ़ी है. मंत्री की तरफ से इस खत में अब तक के सभी आंकड़ों के बताया गया है. इसमें 2 फरवरी तक के आंकड़े शेयर किए गए हैं.
इन राज्यों में कितनी रही महिला श्रमिकों की संख्या
संख्या | राज्य | 2012-13 (प्रतिशत) | 2022-23 (प्रतिशत) |
1. | मेघालय | 41.07 | 51.57 |
2. | त्रिपुरा | 41.08 | 48.20 |
3. | झारखंड | 32.71 | 47.33 |
4. | कर्नाटक | 46.25 | 51.63 |
5. | महाराष्ट्र | 44.55 | 45.00 |
6. | उत्तराखंड | 46.93 | 55.95 |
7. | ओडिशा | 35.95 | 47.84 |
8. | पश्चिम बंगाल | 33.71 | 47.94 |
9. | पंजाब | 46.36 | 66.09 |
योजना के तहत राज्यों में महिलाओं की कुल भागीदारी
संख्या | साल | प्रतिशत |
1. | 2021-22 | 54.78 |
2. | 2020-21 | 53.19 |
3. | 2019-20 | 54.78 |
4. | 2018-19 | 54.59 |
5. | 2017-18 | 53.53 |
6. | 2016-17 | 56.21 |
7. | 2015-16 | 55.34 |
8. | 2014-15 | 55.04 |
9. | 2013-14 | 52.82 |
10. | 2012-13 | 51.30 |
आंकड़ों में गिरावट के बाद भी पुरुषों से ज्यादा संख्या
संख्या | राज्य | 2012-13 (प्रतिशत) | 2022-23 (प्रतिशत) |
1. | केरल | 92.99 | 89.54 |
2. | हिमाचल प्रदेश | 60.69 | 64.66 |
3. | तमिलनाडु | 74.15 | 86.01 |
4. | राजस्थान | 68.95 | 67.56 |
महामारी के दौरान हुआ आंकड़ों में इजाफा
मनरेगा कार्यकर्ताओं के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं ने मुख्य रूप से योजना के माध्यम से औपचारिक कार्यबल में प्रवेश किया, क्योंकि यह भुगतान वाले काम की गारंटी देता है. राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, केरल और तमिलनाडु जैसे कुछ राज्यों में महिलाओं की संख्या पुरुषों से भी ज्यादा रही है. नरेगा एक मांग आधारित मजदूरी रोजगार योजना है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में प्रति परिवार 100 दिनों के अकुशल कार्य की गारंटी देती है. महामारी के वर्षों के दौरान इसके तहत काम की मांग तेजी से बढ़ी थी.
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