Parliament Winter Session: संसद के हंगामेदार शीतकालीन सत्र की समाप्ति के बीच बुधवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व सांसद शशि थरूर ने सदन की कार्यवाही में व्यवधान नहीं डालने की वकालत करते हुए कहा कि कुछ हद तक विपक्ष 'खुद के हाशिये पर जाने के लिए स्वयं जिम्मेदार है.' हालांकि, उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि कई बार मुद्दे उठाने की अनुमति नहीं मिलने से निराशा का सामना करना पड़ता है.


थरूर ने कहा कि उनकी पार्टी उनके इस विचार से वाकिफ है कि 'हमें व्यवधान नहीं पैदा करना चाहिए बल्कि संसद का उपयोग बहस के मंच के तौर पर करना चाहिए.' राहुल गांधी की ओर निशाना साधते हुए यहां एक कार्यक्रम के दौरान थरूर से पूछा गया कि क्या पार्टी का एक चुना हुआ नेता होना चाहिए और ऐसा नहीं जो कि परिवार के चलते पद पर हो.


इस पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने जवाब देते हुए कहा, 'साफ तौर पर कहूं तो जो लोग परिवार के कारण हैं, वे चुने भी जा सकते हैं. यद्यपि, इस बात को लेकर बेहद कम संशय है कि अगर राहुल गांधी चुनाव लड़ने के इच्छुक हों तो वे कांग्रेस में किसी भी अन्य के मुकाबले चुने जाएंगे क्योंकि पार्टी के मतदाताओं में दशकों से गांधी-नेहरू परिवार के प्रति निष्ठा की भावना है, जिसे आसानी से दूर नहीं किया जा सकता है.'


कांग्रेस में एक ही परिवार के प्रमुख के सवाल पर अन्य पार्टियों का दिया उदाहरण


उन्होंने आगे कहा कि ऐसा नहीं है कि यह सिर्फ कांग्रेस में हो रहा है, समाजवादी पार्टी में मुलायम सिंह यादव के बाद अखिलेश पार्टी प्रमुख बने, वैसे ही, डीएमके में करुणानिधि के बाद स्टालिन और शिव सेना में बाला साहब के बाद उनके पुत्र उद्धव ने पार्टी की कमान संभाल रखी है. गौरतलब है कि थरूर ने यह टिप्पणी अपनी हालिया प्रकाशित किताब 'प्राइड, प्रेजुडिस एंड पंडित्री' पर चर्चा के दौरान की है.


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