बोगटुई नरसंहार के मास्टरमाइंड की CBI कस्टडी में मौत से हंगामा, परिवार ने कहा हत्या की गई, टीएमसी-बीजेपी में भी तकरार
Birbhum Violence News: मृतक की पत्नी ने आरोप लगाया कि उसकी हत्या की गई है. सीबीआई की पिटाई से वह ठीक से खड़ा भी नहीं हो पा रहा था, उसे पानी तक नहीं मिला.
Birbhum Violence Key Accused Death: पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के बोगतुई गांव में इस साल मार्च में हुई हिंसा के मामले में मुख्य आरोपी की सोमवार (12 दिसंबर) शाम सीबीआई (CBI) हिरासत में मौत हो गई, जिसमें 10 लोग मारे गए थे. अधिकारियों ने दावा किया कि 4 दिसंबर को झारखंड (Jharkhand) से सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए लालन शेख को जिले के रामपुरहाट सब-डिवीजन में एजेंसी के अस्थायी शिविर कार्यालय में एक वॉशरूम में लटका पाया गया था.
हिरासत में प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए ललन के परिवार ने दावा किया कि उसकी हत्या की गई और उसकी मौत के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को सजा देने की मांग की. मौत की खबर सुनते ही मृतक के परिजन सोमवार की शाम रामपुरहाट मेडिकल कॉलेज पहुंचे. सीबीआई अधिकारियों ने कहा कि लालन की मौत शाम 4:50 बजे हुई और मामले की सूचना डिस्ट्रिक्ट पुलिस को दी गई. पता चला है कि सीबीआई के अस्थायी कैंप की वीडियोग्राफी भी की गई थी.
मृतक की पत्नी ने लगाया आरोप
लालन की पत्नी ने आरोप लगाया कि उसकी हत्या की गई है. सीबीआई कर्मियों ने उसे इतनी बेरहमी से पीटा कि वह ठीक से खड़ा भी नहीं हो सका. उसे पानी तक नहीं पीने दिया जाता था. लालन की चाची समसुनाहर बीबी ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा, "हम उसकी हत्या के लिए सीबीआई के लोगों के लिए सजा चाहते हैं.” गिरफ्तारी के बाद, लालन को एक अदालत में पेश किया गया जिसने उसे छह दिनों के लिए सीबीआई रिमांड पर भेज दिया था.
लालन पर लगे थे गंभीर आरोप
बोगतुई में हिंसा 21 मार्च को तब हुई थी जब टीएमसी नियंत्रित बरसाल ग्राम पंचायत के उप प्रमुख भादू शेख गांव के पास एक बम हमले में मारे गए थे. मामले में सीबीआई की चार्जशीट के अनुसार, स्थानीय टीएमसी नेता अनारुल हुसैन की प्लानिंग के अनुसार हत्या के जवाब हमला किया जिसमें कई घरों में आग लगा दी गई. कई लोगों की उनके घरों में जलकर मौत हो गई.
लालन को भादू शेख का करीबी माना जाता था. कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) ने सीबीआई को भादू शेख की हत्या और बोगटुई हिंसा दोनों की जांच करने के लिए कहने के बाद, एजेंसी ने 25 मार्च को 22 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था.
टीएमसी और बीजेपी के बीच छिड़ी जंग
लालन की मौत में बीजेपी की संलिप्तता की ओर इशारा करते हुए, टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, “विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने पहले 12 दिसंबर को बताया था. क्या यह वही बम था जिसके बारे में वह बात कर रहे थे? यह बीजेपी नेता हैं, जो भविष्यवाणी करते हैं कि किसे और कब तलब किया जाएगा. उन्होंने कहा, 'हालांकि हमें सीबीआई पर पूरा भरोसा है, लेकिन सवाल उठेंगे क्योंकि बीजेपी एजेंसी का इस्तेमाल कर रही है. इस घटना की पूरी तरह से जांच होनी चाहिए.
बीजेपी के वरिष्ठ नेता राहुल सिन्हा ने कहा, 'घटना की जांच होनी चाहिए ताकि यह पता लगाया जा सके कि यह आत्महत्या है या साजिश. यह टीएमसी है, जिसे लालन शेख की मौत से राजनीतिक रूप से फायदा होगा.” इस बीच, लालन की मौत के विरोध में एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ डेमोक्रेटिक राइट्स (APDR) के सदस्य कोलकाता के निज़ाम पैलेस में CBI कार्यालय के बाहर इकट्ठा होंगे.
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