Pashupati Paras On NDA: पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने बुधवार को कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान उनकी पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी राष्ट्रीय (RLJP) के साथ नाइंसाफी हुई, लेकिन फिर भी उन्होंने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के साथ बने रहने का फैसला किया. बिहार में एनडीए के घटक दलों के बीच सीट बंटवारे में राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी को एक भी सीट नहीं दिए जाने से नाराज पशुपति पारस ने केंद्रीय मंत्री से इस्तीफा दे दिया था.


'हमने अपनी वफादारी नहीं बदली'


पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत रामविलास पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी में विभाजन के बाद लोक जनशक्ति पार्टी राष्ट्रीय आस्तित्व में आयी थी. पशुपति पारस ने कहा हालांकि लोकसभा चुनाव में हमें बुरा लगा, लेकिन हमने अपनी वफादारी नहीं बदली. उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अध्यक्ष जेपी नड्डा इसे समझेंगे और अगले साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में हमें उचित प्रतिनिधित्व देंगे.


आगामी विधानसभा को लेकर पशुपति पारस का प्लान


पशुपति पारस ने यह भी कहा कि अगर विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी को उचित सम्मान नहीं मिला तो उनकी पार्टी सभी 243 सीटों पर अपने दम पर चुनाव लड़ेगी. उन्होंने कहा कि रालोजपा, एनडीए की ओर से उन चार विधानसभा सीट में से एक पर चुनाव लड़ना चाहेगी, जहां उपचुनाव होने वाले हैं. ये सीटें संबंधित विधायकों के लोकसभा में निर्वाचित होने के बाद खाली हो गयी हैं.


बिहार में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं और अब उससे पहले पशुपित पारस एक्टिव हो गए हैं. प्रदेश के आरएलजेपी मुख्यालय में हुई इस बैठक में पार्टी के सभी पदाधिकारी, प्रकोष्ठों के अध्यक्ष और जिला अध्यक्ष पहुंचे थे. इसके अलावा बैठक में पार्टी के सभी प्रखंड अध्यक्षा, पूर्व सांसद और पूर्व विधायक भी पहुंचे थे.


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