Pasupati Paras News: राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (आरएलजेपी) के अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने मंगलवार (19 मार्च) को केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर उन्होंने अपने इस्तीफे की जानकारी दी. पीएम को लिखे पत्र में पशुपति पारस ने मंत्री के तौर पर विश्वास जताने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद कहा है. उनका इस्तीफा ऐसे समय पर सामने आया है, जब बीजेपी की लोकसभा उम्मीदवारों की तीसरी लिस्ट जारी होने वाली है. 


प्रधानमंत्री मोदी को लिखी चिट्ठी में पशुपति पारस ने कहा, "माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, आपको अवगत कराना है कि कुछ अपरिहार्य कारणों से मैं मंत्रिपरिषद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे रहा हूं. इस दौरान मंत्री परिषद सदस्य के नाते मुझ पर अपना विश्वास जताने के लिए आपका धन्यवाद." पशुपति पारस बिहार में सीट बंटवारे में आरएलजेपी को सीटें नहीं दिए जाने से नाराज हैं. इसके बाद से ही उनके इस्तीफे के कयास लगाए जाने शुरू हो गए थे. 


पशुपति पारस की पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी




NDA की लगन से सेवा की: पशुपति पारस


मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद पशुपति पारस ने कहा, "कल एनडीए गठबंधन ने बिहार लोकसभा के लिए 40 सीटों में से किस दल को कितनी सीटें मिलेंगी, इसका ऐलान किया. मैंने आज से पांच-छह दिन पहले कहा था कि हम तब तक इंतजार करेंगे, जब तक एनडीए का विधिवत घोषणा नहीं होता है. कल विधिवत एनडीए की तरफ से सीटों की घोषणा हो गई."


उन्होंने आगे कहा, "हमारी पार्टी के पांच सांसद हैं और मैंने बहुत लगन, वफादारी और ईमानदारी से एनडीए की सेवा की. आज भी मैं माननीय प्रधानमंत्री जी का शुक्रगुजार हूं. हमारी पार्टी और व्यक्तिगत रूप से हमारे साथ नाइंसाफी हुई है. इसलिए मैं भारत सरकार के कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा देता हूं." पशुपति पारस इतना कहकर चले गए. उन्होंने किसी के सवालों का जवाब नहीं दिया. 






बिहार में सीटें नहीं मिलने से नाराज हैं पशुपति पारस


दरअसल, बिहार की राजनीति में सोमवार (18 मार्च) को बड़ी हलचल देखने को मिली, जब एनडीए ने सीट बंटवारे का ऐलान किया. इसके तहत बीजेपी 17 सीट, जेडीयू 16 सीट और चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) को पांच सीटें दी गईं. पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के नेतृत्व वाले हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय लोक मोर्चा को भी एक-एक सीट मिली.


हालांकि, सीट बंटवारे में पशुपति पारस की आरएलजेपी को एक भी सीट नहीं दी गई. इस बात से वह काफी नाराज चल रहे थे. सीटें नहीं मिलने की जब से चर्चा शुरू हुई थी, तब से ही पशुपति पारस बागी हो गए थे. बिहार में सीट बंटवारे से पहले ही उन्होंने कहा था कि वह हाजीपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे. पार्टी के अन्य सांसद भी उन सीटों से चुनाव लड़ेंगे, जहां से वे 2019 के लोकसभा चुनाव में जीते थे.


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