कोरोनिल को लेकर जारी विवाद पर बोले आचार्य बालकृष्ण- लाइसेंस के लिए नहीं किया कोई गलत काम
आयुष मंत्रालय इस दवा के प्रचार-प्रसार पर रोक लगा चुका है और दवा की जांच करने की बात कही है. अब इसको लेकर पतंजली के सीईओ आचार्य बालकृष्ण का बयान आया है.
नई दिल्ली: पतंजली ने जो कथिक तौर पर कोरोना के लिए कोरोनिल नाम की दवा बनाई है उसको लेकर अब विवाद बढ़ता जा रहा है. आयुष मंत्रालय इस दवा के प्रचार-प्रसार पर रोक लगा चुका है और दवा की जांच करने की बात कही है. अब इसको लेकर पतंजली के सीईओ आचार्य बालकृष्ण का बयान आया है.
बालकृष्ण ने पूरे मामले पर सफाई पेश करते हुए कहा, ''हमने दवा (कोरोनिल) के उत्पादन में सभी प्रक्रियाओं का पालन किया है. हमने दवा में इस्तेमाल किए गए पदार्थों के स्पष्ठ सबूतों के आधार पर लाइसेंस के लिए आवेदन किया था. हमने दवा के निर्माण में इस्तेमाल किए गए पदार्थों पर काम किया और क्लीनिकल ट्रायल के परिणाम लोगों के सामने रखे.''
We have not done anything wrong while obtaining the licence. We did not advertise the medicine (Coronil), we just tried to tell people about the effects of the medicine: Patanjali CEO Acharya Balkrishna https://t.co/Gw2Ck1RLUl
— ANI (@ANI) June 25, 2020
इसके आगे बालकृष्ण ने कहा कि हमने लाइसेंस पाने के लिए कुछ भी गलत नहीं किया है. उन्होंने कहा,''हमने दवा का प्रचार नहीं किया, हमने सिर्फ लोगों को दवाई के प्रभाव बताने की कोशिश की थी.''
बता दें कि कोरोनिल के लॉन्च होते ही सबसे पहले आयुष मंत्रालय हरकत में आया. उसने इस दवा के विज्ञापन पर रोक लगा दी और पतंजलि के दावे पर कई सवाल उठाए. इसके बाद उत्तराखंड आयुर्वेदिक विभाग ने उनके खिलाफ नोटिस जारी किया. विभाग ने कहा कि बुखार-खांसी-सर्दी की दवा कहकर लाइसेंस लिया था, कोरोना की दवा बना रहे हैं ये नहीं बताया. इसके बाद बिहार के मुजफ्फरपुर की एक अदालत में दवा के नाम पर धोखा देने का आरोप लगाते हुए एक मामला दायर हुआ है. वहीं राजस्थान और महाराष्ट्र सरकार ने कोरोनिल दवा की बिक्री पर रोक लगा दी है.