बाबा रामदेव ने सुप्रीम कोर्ट में बिना शर्त मांगी माफी, पतंजलि के विज्ञापनों से जुड़ा है मामला
Patanjali Misleading Ads Case: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने पतंजलि के भ्रामक विज्ञापनों में कार्रवाई की मांग की है. मामले को लेकर योग गुरु बाबा रामदेव को सुप्रीम कोर्ट ने तलब किया था.

Patanjali Misleading Advertising Case: पतंजलि के भ्रामक विज्ञापनों के प्रकाशन के मामले में योग गुरु बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण ने सुप्रीम कोर्ट में माफी मांगी. दोनों ने कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगी है.
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि आपको ( रामदेव और बालकृष्ण) यह सुनिश्चित करना चाहिए था कि आपके पवित्र वचन के संबंध में हलफनामा दायर किया गया है. विज्ञापन मामले में नया हलफनामा दाखिल करने के लिए अधिक समय दिए जाने संबंधी पतंजलि की याचिका पर कोर्ट ने कहा कि कभी-कभी चीजों को तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचना चाहिए.
कोर्ट ने आगे नाराजगी जताते हुए कहा कि यह पूरी तरह से अवज्ञा है, केवल सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court( ही नहीं, देश भर की सभी अदालतों के पारित हर आदेश का सम्मान किया जाना चाहिए.
Yog Guru Ramdev tenders unconditional apology before Supreme Court for violating the apex court's order for misleading advertisements of Patanjali's medicinal products.
— ANI (@ANI) April 2, 2024
Advocate says Ramdev and Balkrishna wanted to apologise in person and the person is present in the court.… pic.twitter.com/ID3b65JgqK
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
रामदेव और आचार्य बालकृष्ण से सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपको कोर्ट में दिए गए वचन का पालन करना होगा, आपने हर सीमा को तोड़ दिया है. वहीं सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मामले को लेकर कहा कि जो हुआ वह नहीं होना चाहिए था.
हाल ही में कोर्ट ने रामदेव और बालकृष्ण तलब किया था. जस्टिस हिमा कोहली की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा था कि आयुर्वेदिक कंपनी पतंजलि ने भ्रामक विज्ञापनों के लगातार प्रकाशन पर जारी अवमानना नोटिस का जवाब नहीं दिया है.
पिछले साल नवंबर में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दिए गए आश्वासन का उल्लंघन करने पर 27 फरवरी को पीठ ने आचार्य बालकृष्ण और पतंजलि के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू की थी. पीठ में जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह भी शामिल थे.
पंतजलि ने सुप्रीम कोर्ट में क्या कहा था?
पतंजलि ने पहले सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया था कि वह अपने उत्पाद की औषधीय प्रभावकारिता का दावा करने वाला कोई बयान नहीं देगा या कानून का उल्लंघन करते हुए उनका विज्ञापन या ब्रांडिंग नहीं करेगा. किसी भी रूप में मीडिया में चिकित्सा की किसी भी प्रणाली के खिलाफ कोई बयान जारी नहीं करेगा.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने क्या मांग की?
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने पतंजलि के भ्रामक विज्ञापनों के प्रकाशन को लेकर याचिका दायर कर मांग की है कि ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, 1954 के उल्लंघन के लिए पतंजलि के खिलाफ कार्रवाई हो. योग गुरु और पतंजलि के संस्थापक बाबा रामदेव के खिलाफ कोविड-19 के एलोपैथिक उपचार के खिलाफ उनकी विवादास्पद टिप्पणियों को लेकर कई राज्यों में केस दर्ज है.
इनपुट भाषा से भी.
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