नई दिल्ली: दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत ने शुक्रवार को दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए निर्भया के दोषियों का नया डेथ वारंट जारी करने से इंकार कर दिया. इससे पहले दिल्ली सरकार ने पटियाला हाउस अदालत में याचिका लगाकर निर्भया के दोषियों के लिए नया डेथ वारंट जारी करने की गुजारिश की थी. जिस पर अदालत ने सुनवाई करते हुए खारिज कर दिया.


दिल्ली सरकार ने दाखिल की थी याचिका


इस याचिका में कहा गया था, "निर्भया के किसी भी दोषी का अब कोई आवेदन पेंडिंग नहीं है. अक्षय, मुकेश और विनय अपने सभी कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल कर चुके हैं, जबकि पवन ने अब तक ना सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका लगाई है और ना ही राष्ट्रपति के सामने दया याचिका लगाई है. क्योंकि अब किसी भी दोषी की कोई भी याचिका पेंडिंग नहीं है, इसलिए दोषियों का नया डेथ वारंट जारी होना चाहिए."


मुकेश की वकील ने दी दलील


वहीं अदालत में दोषी मुकेश की वकील वृंदा ग्रोवर ने कहा, "हाईकोर्ट ने दोषियो को एक हफ्ते के अंदर अपने कानूनी विकल्पों को इस्तेमाल करने का आदेश दिया हुआ है हाईकोर्ट ने अपने आदेश में साफ कहा था कि अगर दोषी किसी भी फोरम में अपनी याचिका दाखिल करना चाहते है तो सात दिनों के अंदर दाखिल कर सकते हैं. साथ ही हाईकोर्ट ने अपने आदेश में पांच फरवरी को कहा था कि अगर दोषी सात दिनों में किसी भी फोरम में याचिका दाखिल नहीं करते तो कानून के हिसाब से करवाई हो. इसलिए पटियाला हाउस कोर्ट वारंट तब जारी नहीं कर सकता है."


कोर्ट ने सात दिन का दिया समय


मामले की सुनवाई के बाद पटियाला हाउस कोर्ट ने आदेश सुनाते हुए नया डेथ वारंट जारी करने से इंकार किया. कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले का उदाहरण देते हुए कहा की हाई कोर्ट ने अपने फैसले में दोषियों को सात दिनों का वक्त कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल करने के लिए दिया है. इसलिए याचिका खारिज की जाती है.


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