नई दिल्ली: बिहार की राजधानी पटना में मकर संक्रांति के मौके पर नाव गंगा नदी में डूबने से बड़ा हादसा हो गया. इस नाव हादसे में मरने वालो की संख्या बढ़कर 24 हो गई है. मरने वालों में 2 महिला, 3 बच्चे और 15 पुरुष शामिल हैं. कल रात होने की वदजह से रेस्क्यू ऑपरेशन रोक दिया गया था, आज सुबह फिर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआ है, जो 17 घंटे चला. आज तीन शवों को निकाला गया.
एफआईआर दर्ज
इस हादसे के सिलसिले में छपरा के सोनपुर पुलिस थाने में पुलिस ने बोट ऑपरेटर के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है. पुलिस ने एम्यूज़मेट पार्क के मालिक के खिलाफ भी केस दर्ज किया है. गंगा नदी में हादसा जिस जगह पर हुआ, वो सारण जिले में है. जबकि छपरा सारण जिले का मुख्यालय है. लोग जहां से गंगा पार गए थे, वो जगह पटना में है.
क्षमता से ज्यादा लोग सवार थे
हादसे के शिकार लोग बिहार सरकार द्वारा आयोजित पतंगमहोत्सव में हिस्सा लेकर लौट रहे थे । चश्मदीदों के मुताबिक नाव में पचास से साठ लोग सवार थे. क्षमता से ज्यादा लोगों के नाव में सवार होने की वजह से नाव में पानी घुसने लगा. जिसके बाद नाव नदी में पलट गई.
मुआवजे का ऐलान
हादसे के बाद नीतीश सरकार ने मृतक के परिजनों को 4 लाख रुपये मुआवजा देने का एलान किया. पीएम मोदी ने भी मृतक के परिजों को 2 लाख और घायलों को 50 हजार मुआवजा देने का एलान किया है. नीतीश कुमार औऱ पीएम मोदी ट्विटर पर घटना पर दुख भी जताया. नाव हादसे की वजह बिहार में नीतीश की पार्टी ओर से होने वाला दही चूड़ा भोज रद्द किया गया.
इस लापरवाही से हुआ हादसा?
पंतगबाजी का कार्यक्रम बिहार सरकार का था, लेकिन लोगों की भीड़ वहां चल रहे गंगा किनारे अवैध रूप से चल रहे अम्यूजमेंट पार्क को लेकर ज्यादा थी. प्रशासन अब बिना अनुमति के अम्यूजमेंट पार्क चलाने वालों पर कार्रवाई की तैयारी में है.
बीजेपी ने उठाए हादसे पर सवाल
नाव हादसे को लेकर बीजेपी ने नीतीश सरकार पर निशाना साधा है. बीजेपी ने कहा है कि सरकार ने लोगों की सुरक्षा को लेकर बेहतर इंतजाम नहीं किए. बिना इंतजाम के ही पंतगबाजी का कार्यक्रम कराने पर भी सवाल उठाए गए हैं.
पटना नाव हादसा: अगर प्रशासन समय पर जागा होता तो बच सकती थीं 20 जिंदगियां!