पटना नाव हादसा: अगर प्रशासन समय पर जागा होता तो बच सकती थीं 24 जिंदगियां!
नई दिल्ली: बिहार की राजधानी पटना में मकर संक्रांति के मौके पर नाव गंगा नदी में डूबने से गंभीर हादसा हुआ. इस हादस में 24 लोगों की मौत हो गई. मरने वालों में 2 महिला, 3 बच्चे और 15 पुरुष शामिल हैं. हादसा पटना के NIT घाट पर हुआ.
हादसे के शिकार लोग दियारा क्षेत्र में मकर संक्रांति के मौके पर पतंग महोत्सव में हिस्सा ले कर लौट रहे थे. सरकार ने मृतक के परिजनों को 4 लाख रुपये मुआवजा देने का एलान किया है.
सरकार चाहती तो इस हादसे को रोक सकती थी? हादसे में बीस लोगों की मौत हो गई. लेकिन सबसे बड़ा सवाल है इसकी ज़िम्मेदारी किसकी है? क्या सरकार चाहती तो इस हादसे को रोक सकती थी? ये सवाल इसलिए है क्योंकि प्रशासन ने बड़ी लापरवाही को नज़रअंदाज़ नहीं किया होता तो पटना में इतने लोगों को शायद अपनी जान ना गंवानी पड़ती. ये लापरवाही है एक अवैध अम्यूज़मेंट पार्क जिसकी वजह से लोगों की भारी भीड़ गयी और संसाधन कम पड़ गए.
चश्मदीदों के मुताबिक नाव पर 60 से 80 लोग सवार थे, नावों की संख्या कम थी, शाम हो चुकी थी, लोग जल्दी घर पहुंचना चाहते थे इसलिए एक नाव पर ही भारी संख्या में लोग सवार हो गए.
प्रशासन ने नजरअंदाज की बड़ी लापरवाही! इसके अलावा एक बड़ी बजह और थी जिसे सरकारी तंत्र ने शायद नज़रअंदाज़ कर दिया था. इस बड़ी लापरवाही का नाम डॉल्फिन आइलैंड अम्यूज़मेंट पार्क है. जिस जगह पर सरकार ने पंतगबाज़ी का आयोजन किया था उससे कुछ सौ मीटर की दूरी पर ये अम्यूज़मेंट पार्क भी मौजूद था. लोगों की भारी भीड़ यहां भी मौजूद थी, लोगों के मुताबिक जो नाव डूबी उस पर सवार लोगों में भारी संख्या इस अम्यूज़मेंट पार्क घूमने आए लोगों की भी थी.
आपको बता दें कि ये अम्यूज़मेंट पार्क अवैध है. इसे बिना किसी सरकारी या प्रशासनिक मंज़ूरी के बनाया गया है हादसे के बाद अब प्रशासन जागा है और इसके खिलाफ कडी कार्रवाई की बात की जा रही है.
इतने लोगों के जान से हाथ धोने के बाद अधिकारी भी मान रहे हैं कि भीड़ की एक बड़ी वजह डॉल्फिन आइलैंड अम्यूज़मेंट पार्क भी रहा. प्रशासन के के लिए सबसे बड़ा सवाल है कि क्या उसे पहले से इस अवैध अम्यूजमेंट पार्क की जानकारी नहीं और अगर थी तो फिर कार्रवाई क्यों नहीं की गई?