नई दिल्ली: मकर संक्राति पर बिहार की राजधानी पटना में हुए नाव हादसे पर जांच कमेटी ने आज सरकार को रिपोर्ट सौंप दी है. रिपोर्ट में बड़े पैमाने पर प्रशासनिक चूक का मामला सामने आया है. आपको बता दें कि पटना नाव हादसे में 24 लोगों की मौत हो गई थी.
सूत्रों के मुताबिक आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत और पटना डीआईजी शालीन ने अपनी जांच रिपोर्ट में बताया है कि गंगा के पार जो लोग पतंग महोत्सव में गए थे उन्हें वापस लाने का उपाय नही किया गया.
सूत्रों के मुताबिक रिपोर्ट में बताया गया है कि छपरा एसपी को ये भी नही पता था कि जहाँ गंगा किनारे पतंगबाज़ी हो रही है वो उनका इलाका था. पटना डीएम और एसएसपी को पूरी जानकारी नही थी. इतना ही नहीं जितने मजिस्ट्रेट तैनात थे उनमें से कोई भी वहां मौज़ूद नहीं था.
दुर्घटना पर पर्यटन निदेशालय की बड़ी गलती भी सामने आई है. अखबार में विज्ञापन निकाल कर फ्री में गंगा पार ले जाया तो गया लेकिन वापस लाने की इंतज़ाम नही हुआ.
क्षमता से ज्यादा लोग सवार थे
हादसे के शिकार लोग बिहार सरकार द्वारा आयोजित पतंगमहोत्सव में हिस्सा लेकर लौट रहे थे. चश्मदीदों के मुताबिक नाव में पचास से साठ लोग सवार थे. क्षमता से ज्यादा लोगों के नाव में सवार होने की वजह से नाव में पानी घुसने लगा. जिसके बाद नाव नदी में पलट गई.
मुआवजे का ऐलान
हादसे के बाद नीतीश सरकार ने मृतक के परिजनों को 4 लाख रुपये मुआवजा देने का एलान किया. पीएम मोदी ने भी मृतक के परिजों को 2 लाख और घायलों को 50 हजार मुआवजा देने का एलान किया है. नीतीश कुमार औऱ पीएम मोदी ट्विटर पर घटना पर दुख भी जताया. नाव हादसे की वजह बिहार में नीतीश की पार्टी ओर से होने वाला दही चूड़ा भोज रद्द किया गया.
इस लापरवाही से हुआ हादसा?
पंतगबाजी का कार्यक्रम बिहार सरकार का था, लेकिन लोगों की भीड़ वहां चल रहे गंगा किनारे अवैध रूप से चल रहे अम्यूजमेंट पार्क को लेकर ज्यादा थी. प्रशासन अब बिना अनुमति के अम्यूजमेंट पार्क चलाने वालों पर कार्रवाई की तैयारी में है.