मानव श्रृंखला 2020: 5 लाख लोगों ने मिलकर बनाए ह्यूमन चेन, जागरूकता में लगभग 15 करोड़ किए गए खर्च!
इस साल मानव श्रृंखला लगभग 18,034 किलोमीटर का बना. सबसे पहले साल 2017 में नशामुक्ति के पक्ष में 12760 किलोमीटर लम्बी मानव श्रृंखला बनी थी. 2018 में दहेज़ और बाल विवाह की कुप्रथा के खिलाफ 14080 किलोमीटर लम्बी मानव श्रृंखला बनी थी.
पटनाः बिहार में रविवार को 18,034 किलोमीटर का राज्यव्यापी श्रृंखला बनाई गई. पटना के गांधी मैदान से इस श्रृंखला में सीएम नीतीश कुमार शामिल हुए जबकि उनके साथ राज्यस्तर के कई बड़े नेता शामिल हुए. सरकार की तरफ़ से दिए गए डेटा के अनुसार जल जीवन हरियाली के इस जागरूकता अभियान में लगभग 15 करोड़ का बजट तैयार किया गया. रविवार को बनाए गए इस मानव श्रृंखला में सरकारी विभाग के कर्मचारी से लेकर स्कूली बच्चे तक इस श्रृंखला में शामिल हुए.
सीएम नीतीश कुमार के आह्वान पर रविवार को सुबह 11:30 बजे से 12:00 बजे तक़ राज्यस्तर पर श्रृंखला बनायी गयी. जल जीवन हरियाली और नशामुक्ति के पक्ष में और इसके साथ साथ दहेज प्रथा, बाल विवाह उन्मूलन के लिए इस श्रृंखला को बनाया गया.
बिहार के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने मानव श्रृंखला को लेकर कहा कि अभी तक के जो आंकड़े आए हैं उसके अनुसार ह्यूमन चेन की कुल लंबाई 18 हजार 34 किलोमीटर मापी गई.
पिछले श्रृंखला का टूटा रिकॉर्ड
मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बताया कि मानव श्रृंखला में शामिल लोगों की संख्या 5,16,71,389 है. उन्होंने आधिकारिक तौर पर साफ़ किया कि इस बार का मानव श्रृंखला पिछले सभी श्रृंखला से बड़ा है. मुख्य सचिव के मुताबिक़ गिनीं और लिम्का बुक में नाम दर्ज होने की उम्मीद है. जबकि श्रृंखला की पूरी मैपिंग कराई गई है,जो बिहार सरकार के आधिकारिक वेबसाइट पर मौजूद है.
लगातार अलग अलग मुद्दों पर बनी बिहार में ये तीसरी मानव श्रृंखला
इस साल मानव श्रृंखला लगभग 18,034 किलोमीटर का बना. सबसे पहले साल 2017 में नशामुक्ति के पक्ष में 12760 किलोमीटर लम्बी मानव श्रृंखला बनी थी. 2018 में दहेज़ और बाल विवाह की कुप्रथा के खिलाफ 14080 किलोमीटर लम्बी मानव श्रृंखला बनी थी.
राजधानी पटना टॉप पर
मुख्य सचिव दीपक कुमार के मुताबिक़ कुल 27 लाख 87 हज़ार लोगों ने राजधानी पटना में श्रृंखला बनाकर रेकॉर्ड दर्ज कराया. जबकि समस्तीपुर ज़िला दूसरे नम्बर पर रहा जहां 27 लाख 80 हजार लोगों की मानव श्रृंखला बन पायी. मुज़फ़्फ़रपुर ज़िले को तीसरा स्थान मिला यहां कुल 24 लाख 57 हज़ार लोग इस कड़ी में शामिल हुए. इसके बाद छपरा ज़िले कुल 24 हजार 31 लाख शामिल हुए जबकि रोहतास पांचवा स्थान पर रहा.
इसके साथ ही श्रृंखला में निगरानी बनाकर रखने के लिए कुल 7 हेलीकॉप्टर का प्रयोग किया गया और ड्रोन की संख्या करीब 100 रही.
श्रृंखला में शामिल दो लोगों की मौत
बता दें कि श्रृंखला में शामिल होने के दौरान दो ज़िले में लोगों की मौत भी हुई है. समस्तीपुर और दरभंगा ज़िले में दो लोग की मौत उस दौरान हुई जब श्रृंखला में क़तारबद्ध थे.
दरभंगा में शिक्षक मो दाऊद जिनकी हार्ट अटैक से मौत हुई जबकि समस्तीपुर में सहभागी (कतार में लगने वाले) की मौत हुई है. सरकार की तरफ़ से इन्हें 4 लाख रुपया मुआवज़ा देने की घोषणा की गयी है.
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