दिल्ली सरकार के स्कूलों में अब देशभक्ति पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा. इस पाठ्यक्रम की रूपरेखा को राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) की गवर्निंग काउंसिल द्वारा 6 अगस्त को एप्रूव्ड और अडॉप्ट किया गया था.


पाठ्यक्रम को दिल्ली सरकार के स्कूलों के शिक्षकों के साथ-साथ एनजीओ पार्टनर्स और विशेषज्ञों के इनपुट के साथ तैयार किया गया है. पाठ्यक्रम को लागू करने से पहले 200 से ज़्यादा छात्रों और 20 शिक्षकों के साथ पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर संचालित भी किया गया था. देशभक्ति पाठ्यक्रम का 40 मिनट का पीरियड होगा.


देशभक्ति पाठ्यक्रम का उद्देश्य-


1- प्रत्येक बच्चे के मन में देश के प्रति प्यार सम्मान और गर्व की भावना को जागृत करना


2- प्रत्येक बच्चे को देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी और कर्तव्य के प्रति जागरूक करना और बच्चों में देश के प्रति अपनत्व की भावना का विकास करना


3- प्रत्येक बच्चे के अंदर देश के लिए त्याग की भावना और त्याग करने वालों के लिए सम्मान की भावना का विकास करना


100 स्वतंत्रता सेनानियों की शौर्यगाथा से होगा परिचय


देशभक्ति पाठ्यक्रम के तहत दिल्ली सरकार ने एक बुकलेट भी जारी की है जिसमें बच्चे भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद, सुखदेव, दुर्गा भाभी, हेमू कालाणी, महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और सेनापति बापट जैसे 100 स्वतंत्रता सेनानियों के जीवन के बारे में पढ़ सकेंगे. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि फिलहाल 100 स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में पढ़ाया जाएगा और आने वाले समय में 100 और स्वतंत्रता सेनानियों की कहानी इस बुकलेट में जुड़ती जाएंगी.


देशभक्ति ध्यान


देशभक्ति क्लास की शुरुआत में बच्चे रोज 5 मिनट माइंडफुलनेस प्रैक्टिस करेंगे और अपना ध्यान देश की ओर केंद्रित करेंगे. ध्यान में बच्चे यह संकल्प लेंगे कि वह हमेशा अपने देश का सम्मान करेंगे और रोज पांच देशभक्तों को याद करके उनका आभार व्यक्त करेंगे.


देशभक्ति डायरी


देशभक्ति पाठ्यक्रम के तहत सभी बच्चों को एक डायरी बनानी है जिसे देशभक्ति डायरी के नाम से जाना जाएगा. यह डायरी एक तरह का रिफ्लेक्टिव जर्नल होगा जिसमें बच्चे अपने व्यक्तिगत विचारों और भावनाओं को लिखेंगे इस डायरी में बच्चे देशभक्ति पाठ्यक्रम में करवाएगी एक्टिविटीज चर्चा और होमवर्क से जुड़ी अपने लर्निंग विचार अनुभव को भी लिखेंगे.


क्लासरूम चर्चा


क्लासरूम चर्चा पाठ्यक्रम की एक महत्वपूर्ण एक्टिविटी होगी. इस चर्चा के दौरान पूरी क्लास के बच्चे एक ग्रुप की तरह दिए गये विषय पर सामूहिक चर्चा करेंगे. इस चर्चा का उद्देश्य बच्चों को सोचने और अभिव्यक्ति के लिए प्रेरित करना है जिससे वे अपने परिवार के समाज के और देश के बारे में अपने अनुभवों विचारों और भावनाओं को क्लास में बिना किसी झिझक के बोल सके.


होमवर्क


देशभक्ति पाठ्यक्रम में बच्चों को होमवर्क भी दिया जाएगा होमवर्क में बच्चे अपनी उम्र से बड़े तीन व्यक्तियों से होमवर्क में दिए गए प्रश्नों के जवाब लेंगे इन तीन व्यक्तियों में से एक व्यक्ति उनके घर का और बाकी दो व्यक्ति उनके परिवार के बाहर के व्यक्ति होंगे जैसे पड़ोसी रिश्तेदार बच्चे उनके जवाबों को एक दो वाक्यों में अपनी देशभक्ति डायरी में लिख कर लाएंगे और क्लास में ग्रुप डिस्कशन के समय उनके जवाबों पर चर्चा करके अपनी खुद की समझ बना सकेंगे.


ग्रुप डिस्कशन और रिफ्लेक्शन-


9वीं से 12वीं तक के लिए एक ग्रुप डिस्कशन भी आयोजित किया जाएगा यह चर्चा बच्चे छोटे-छोटे ग्रुप में करेंगे जो जिसमें वह मुख्य विषय पर अपनी खुद की समझ दूसरों से मिले जवाबों और कुछ अन्य बिंदुओं को चर्चा में शामिल करेंगे हर्ब हर ग्रुप द्वारा एक बच्चे का चुनाव किया जाएगा जो ग्रुप में हो रही चर्चा के मुख्य बिंदुओं को नोट करेगा उसके बाद एक-एक कर सभी ग्रुप अपनी प्रेजेंटेशन देंगे और अपने विचार सबके साथ साझा करेंगे


फ्लैग डे


प्रत्येक चैप्टर के बाद एक फ्लैग डे एक्टिविटी दी गई है. फ्लैग एक्टिविटी के तहत बच्चे अपना खुद का तिरंगा झंडा बनाएंगे जिससे वो हर वक्त अपने साथ रख सके ताकि देश के झंडे को देखकर जिस देश भक्ति की भावना से मन भर उठता है वह भी उसे महसूस कर सकें. बच्चे हर चैप्टर में बनी अपनी समझ के अनुसार ऐसे व्यवहारों को लिखेंगे जिससे उनका तिरंगा खुश होता है और दुखी होता है. इस एक्टिविटी का मकसद है कि बच्चे अपने व्यवहार के प्रति सजग रहें और उन्हें इस बात का एहसास हो कि वे अपने काम और व्यवहार से अपने तिरंगे को खुश या दुखी करते हैं.


पाठ्यक्रम के तहत बच्चों से अलग-अलग एक्टिविटी कराई जाएंगी और सवाल पूछे जाएंगे. जैसे, अपने आसपास की किन-किन वस्तुओं और व्यक्तियों में आपको अपना देश दिखाई देता है? जब आप यह कहते हैं कि हम देश से प्यार करते हैं तो आप देश की किस चीज से प्यार करते हैं?  आप अपने आचरण से किस तरह से देश का गौरव बढ़ा सकते हैं? देश से प्यार करना और उसका सम्मान करना एक ही बात है या इसमें कोई अंतर आपको दिखता है?


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