Ladakh: भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन के साथ गतिरोध वाले दूसरे बिंदु देपसांग में वेरिफिकेशन पेट्रोलिंग (सत्यापन गश्त) शुरू कर दी है. विदेश मंत्रालय ने शनिवार (दो नवंबर, 2024) को यह जानकारी देते हुए बताया कि पूर्वी लद्दाख में गतिरोध वाले दो बिंदुओं (डेमचोक और देपसांग) से भारतीय और चीनी सैनिकों के पीछे हटने के एक बाद शुक्रवार (एक नवंबर, 2024) को डेमचोक में गश्त फिर से शुरू हुई.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक सवाल के जवाब में कहा कि सैनिकों को पीछे हटाने पर चीन के साथ समझौते के बाद डेमचोक और देपसांग में पारस्परिक सहमति वाली शर्तों पर सत्यापन गश्त शुरू कर दी गई है. भारतीय और चीनी सैनिकों ने टकराव वाले दो बिंदुओं से सैनिकों की वापसी पूरी होने के एक दिन बाद बृहस्पतिवार को दिवाली के अवसर पर एलएसी पर कई बिंदुओं पर मिठाइयां भी बांटी.
2020 के पहले की स्थिति के मुताबिक होगी तैनाती-गश्त
सूत्रों के मुताबिक, पहले कहा था कि सैनिकों की तैनाती और गश्त अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति के अनुसार किए जाने की संभावना है. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने 21 अक्टूबर को दिल्ली में कहा था कि पिछले कई हफ्तों से जारी बातचीत के बाद भारत और चीन के बीच एक समझौते को अंतिम रूप दिया गया है, जिससे 2020 की सैन्य झड़प से उपजे गतिरोध का समाधान निकलेगा.
गतिरोध को समाप्त करने के दिशा में बड़ी सफलता
पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर गश्त और सैनिकों को पीछे हटाने के लिए दोनों देशों के बीच बनी सहमति को चार साल से अधिक समय से जारी गतिरोध को समाप्त करने की दिशा में एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा था. जून 2020 में गलवान घाटी में हुई भीषण झड़प के बाद पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर गतिरोध बरकरार था और भारत-चीन संबंध निचले स्तर पर पहुंच गए थे.
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