Bihar Politics: पवन वर्मा ने नीतीश कुमार से की मुलाकात, बताया क्यों JDU से हुए थे अलग और क्या है अगला प्लान?
बिहार के सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात करने के बाद पवन कुमार ने कहा कि हम तमाम राजनीतिक मतभेद के बावजूद पुराने दोस्त रहे हैं. कुछ वजहों के कारण हमारे रास्ते अलग हो गये थे.
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Bihar Politics: भारतीय जनता पार्टी को देश भर में विश्वसनीय चुनौती देने के लक्ष्य से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) इन दिनों अपने पुराने सहयोगियों से मिल रहे हैं और इसी क्रम में उन्होंने सोमवार रात ब्यूरोक्रेसी से राजनीति में आए पवन वर्मा (Pavan Verma) से अपने आधिकारिक आवास पर मुलाकात की.
गौरतलब है कि सीएए-एनपीआर-एनआरसी विवाद को लेकर 2020 में जदयू (जनता दल यूनाइटेड) से निष्कासन तक पवन वर्मा ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव के रूप में कार्य किया था. पूर्व आईएएस अधिकारी पवन वर्मा ने कहा कि नीतीश के साथ मेरी मुलाकात एक शिष्टाचार भेंट थी. समय-समय पर उभरे राजनीतिक मतभेदों के बावजूद हम पुराने दोस्त रहे हैं.
Correction | Bihar: I had a formal meeting with Bihar CM Nitish Kumar yesterday. We earlier had some clashes due to our difference of opinions regarding CAA and NRC and due to these reasons Nitish Kumar resigned from BJP: Former JD(U) leader Pavan Varma pic.twitter.com/A3tH6L5Zh6
— ANI (@ANI) September 13, 2022
नीतीश कुमार से मुलाकात पर क्या बोले पवन कुमार?
पवन वर्मा ने कहा कि मैंने कल बिहार के सीएम नीतीश कुमार के साथ औपचारिक बैठक की. उन्होंने अपने इस्तीफे की खबरों के बीच सीएए और एनआरसी के संबंध में हमारे विचारों में अंतर के कारण हमारे बीच पहले कुछ झड़पें हुईं और इन कारणों से नीतीश कुमार ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया.
पवन वर्मा ने पिछले ही महीने टीएमसी से नाता तोड़ लिया था. उन्होंने कहा कि उनकी फिलहाल अभी किसी भी राजनीतिक दल में शामिल होने की कोई योजना नहीं है. उन्होंने नीतीश कुमार के बीजेपी छोड़ने के लिए बधाई दी और विपक्ष को एकजुट करने के उनके प्रयास को प्रशंसनीय बताया.
क्यों जुदा हुए थे नीतीश कुमार और बीजेपी के रास्ते?
पवन वर्मा का विरोध नागरिकता संशोधन विधेयक पर जदयू के संसद के दोनों सदनों में मतदान किए जाने पर था और उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी पीड़ा व्यक्त की थी तथा बिहार के मुख्यमंत्री के साथ बातचीत का विवरण जिसमें बीजेपी की हिंदुत्व की राजनीति पर अपनी परेशानी व्यक्त की थी, साझा किया था.
वर्मा के सार्वजनिक खुलासे पर नीतीश कुमार ने अपनी नाराजगी व्यक्त की थी, जिसके बाद वर्मा और राजनीतिक रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर जदयू से बाहर हो गए थे. कुमार के साथ वर्मा की मुलाकात के बाद अटकलें लगायी जा रही हैं कि किशोर की जदयू में ‘‘वापसी’’ का काम पूर्व आईएफएस अधिकारी को सौंपा गया है.
पुराने सहयोगियों से क्यों मिल रहे हैं नीतीश कुमार?
बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) 2020 में जदयू (JDU) की सीटें कम होने के बाद से कुमार ने अपने पूर्व सहयोगियों के साथ संबंधों को सुधारने के क्रम में उपेंद्र कुशवाहा... जिन्होंने पिछले साल अपनी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का जदयू में विलय किया और वर्तमान में पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष पद पर आसीन हैं, को फिर से शामिल करने जैसे कदमों से अपने पुराने गौरव को प्राप्त करने की इच्छा दिखाई है. संयोग से किशोर कुछ महीने पहले दिल्ली में कुमार से मिले थे, हालांकि दोनों ने कहा था कि यह एक शिष्टाचार भेंट थी.
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