Who Is Pawan Khera: कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को गुरुवार (23 फरवरी) को असम पुलिस ने दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया. उन पर पीएम मोदी के पिता की बेइज्जती करने का आरोप लगा है. सूत्रों से पता चला है कि असम पुलिस ने उनके खिलाफ 15 केस दर्ज किए हैं.


कांग्रेस ने खेड़ा की गिरफ्तारी के बाद एयरपोर्ट पर प्रदर्शन किया और केंद्र सरकार को तानाशाह बताया. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यहां तक कह दिया कि ये बीजेपी की बौखलाहट है. चलिए अब हम आपको पवन खेड़ा के बारे में बताते हैं और ये भी बताते हैं कि उनका कांग्रेस पार्टी में कितना बड़ा कद है.


राजीव गांधी की हत्या के बाद छोड़ी थी पार्टी


पवन खेड़ा का जन्म 31 जुलाई, 1968 को हुआ था. उन्होंने 1989 में कांग्रेस की यूथ विंग के साथ अपनी पॉलिटिकल इनिंग की शुरुआत की थी. हालांकि, 1991 में राजीव गांधी की हत्या के बाद उन्होंने पार्टी छोड़ दी. फिर उन्होंने 1998 में दिल्ली की तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के राजनीतिक सचिव के रूप में कांग्रेस में वापसी की.


2013 में शीला दीक्षित के निधन के बाद उनका कार्यकाल समाप्त हो गया. इसके बाद पवन खेड़ा अक्सर टीवी डिबेट में दिखाई देते रहे हैं. साल 2015 से पवन खेड़ा टेलीविजन पर पैनल चर्चा और बहस में पार्टी का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. 2018 में उन्हें लोकसभा चुनाव (2019) से पहले एक पोल कमेटी का संयोजक भी बनाया गया था.


कांग्रेस से बिगड़े थे रिश्ते!


पवन खेड़ा अपने बेबाक अंदाज के लिए जाने जाते हैं. बात फिर अपनी ही पार्टी से विवाद की क्यों न हो? उन्होंने अपने विचार खुलकर रखे हैं. दरअसल, पिछले साल राज्यसभा न भेजे जाने पर पवन खेड़ा पार्टी से नाराज हो गए थे. आमतौर पर नेता अपनी नाराजगी सबसे सामने बयां नहीं करते, लेकिन पवन खेड़ा ने बिना समय गंवाए ट्विटर पर अपनी नाराजगी जाहिर कर दी. उन्होंने लिखा, "शायद उनकी तपस्या में कमी रह गई होगी." खेड़ा के इस ट्वीट के बाद कांग्रेस ने उनको मीडिया और पब्लिसिटी सेल का चेयरमैन बनाया था.


पीएम मोदी पर क्या बोल गए पवन खेड़ा?


पवन खेड़ा अडानी मामले को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा था, "हम स्पष्ट बात कर रहे हैं जेपीसी. हम कह रहे हैं कि संसद में आप चर्चा से क्यों भागते हो. हम कह रहे हैं कि जेपीसी की मांग से आप क्यों डरते हो. जब नरसिम्हा राव जेपीसी बना सकते थे, जब अटल बिहारी वाजपेयी जेपीसी बैठा सकते थे. तो नरेंद्र गौतम दास, सॉरी दामोदर दास मोदी को क्या प्रॉब्लम है?"


इसके बाद साथ में बैठे कांग्रेस नेता से पूछा "गौतम दास है या दामोदर दास." कांग्रेस नेता ने बताया दामोदर दास तो उन्होंने भी दामोदर दास कहा. इसके बाद कुछ देर रुककर खेड़ा ने कहा कि नाम दामोदरदास है, काम गौतम दास है और इसके बाद पवन खेड़ा हंसने लगे थे.


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