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सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री बने रहने के बाद सिक्किम में पवन कुमार चामलिंग हारे
Sikkim Vidhan Sabha Election Result 2019 : पिछले करीब 25 सालों से सिक्किम की गद्दी पर विराजमान पवन कुमार चामलिंग चुनाव हार गए. उन्हें इन विधानसभा चुनावों में केवल 6 साल पुरानी पार्टी 'सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा' ने हराया है.
Sikkim Vidhan Sabha Election Result 2019 : सिक्किम में लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा चुनाव भी हुए और 23 मई को इसके नतीजे सामने आए हैं और ये चुनावी नतीजे भी काफी हैरान करने वाले रहे. पिछले करीब 25 सालों से सिक्किम की गद्दी पर विराजमान पवन कुमार चामलिंग चुनाव हार गए.
पवन कुमार चामलिंग के नाम देश में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री पद पर बने रहने का रिकॉर्ड है. पवन कुमार साल 1994 से सिक्किम के मुख्यमंत्री थे. लेकिन इस बार के चुनावों में उनकी पार्टी को हार का समाना करना पड़ा. उन्हें इन विधानसभा चुनावों में केवल 6 साल पुरानी पार्टी 'सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा' ने हराया है.
विधानसभा में मिली 15 सीटें..
सिक्किम राज्य में कुल 32 विधानसभा सीटें हैं जिनमें से बहुमत के लिए 17 सीटों पर जीत दर्ज करना जरूरी है. लेकिन इन चुनावों में पवन कुमार चामलिंग की पार्टी 'सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट' को केवल 15 सीटें मिलीं. वहीं, केवल 6 साल पुरानी पार्टी 'सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा' ने 17 सीटों पर जीत हासिल की है.
पवन कुमार चामलिंग ने इस बार दो विधानसभा सीटों पोकलोक कामरंग और नामची सिंघिथांग से चुनाव लड़ा था और दोनों ही सीटों पर उन्होंने जीत हासिल की. लेकिन इसके बावजूद वो अपनी सीएम की कुर्सी को बचा नहीं पाए.
कौन हैं पवन कुमार चामलिंग?
पवन कुमार चामलिंग ने साल 1982 में पहली बार सत्ता का नशा पहली बार चखा और वो ग्राम पंचायत के मुखिया चुने गए . इसके बाद साल 1985 में पवन कुमार ने विधायकी का चुनाव लड़ा पहली बार विधायक बने. इस दौरान वो सिक्किम संग्राम परिषद पार्टी से चुनाव लड़े थे. लेकिन लगातार दो बार इसी पार्टी से विधायक बनने के बाद साल 1993 में उन्होंने अपनी पार्टी का गठन किया.
4 मार्च 1993 को उन्होंने सिक्किम डेमोक्रिटिक फ्रंट की नींव रखी. पार्टी के गठन के अगले ही साल 1994 में उन्होंने विधानसभा के चुनावों में जीत हासिल की और पहली बार सिक्किम के मुख्यमंत्री बने. तब से लेकर अभी तक वो सिक्किम के मुख्यमंत्री पद पर विराजमान थे लेकिन इन चुनावों में पहली बार उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा और अपनी सीएम पद की कुर्सी से हाथ धो बैठे.
पवन कुमार लगातार पांच बार सीएम बने. वो साल 1994, 1999, 2004, 2009 और 2014 में सिक्किम के मुख्यमंत्री रहे. आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु के बाद पवन कुमार सबसे लंबे समय तक सीएम रहे हैं.
लोकसभा चुनाव भी हारी पवन कुमार की पार्टी
विधानसभा ही नहीं पवन कुमार की पार्टी लोकसभा चुनाव भी हार गई है. सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) के उम्मीदवार इंद्रा हंग सुब्बा ने सिक्किम सीट पर जीत दर्ज की है.
एसकेएम के सुब्बा को 1,54,999 वोट मिले. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) के डेक बहादुर कटवाल को 11 हजार से अधिक मतों से पराजित किया. कटवाल को 1,43,414 वोट मिले. इस सीट के लिए 11 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे.
कौन बनेंगे सिक्किम के नए मुख्यमंत्री
पवन कुमार चामलिंग को प्रेम सिंह तमांग ने हराया है. प्रेम सिंह तमांग पहले पवन कुमार की पार्टी सिक्किम डेमोक्रिटिक फ्रंट के सदस्य थे और सरकामर में मंत्री भी रहे . लेकिन साल 2009 से उन्होंने सिक्किम के मुख्यमंत्री और उनकी योजनाओं की आलोचना शुरू कर दी . इसके बाद साल 2013 में उन्होंने अपनी अलग पार्टी 'सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा की नींव रखी.
प्रेम सिंह क्योंकि पहले से ही राजनीति में थे और सरकार में मंत्री भी थे इसलिए पवन कुमार को चैलेंज करना उनके लिए ज्यादा मुश्किल नहीं रहा. पार्टी के गठन के बाद पहले चुनावों में भी प्रेम सिंह की पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन किया था. हालांकि उस दौरान उनकी पार्टी को केवल 10 सीटें ही मिली थी.
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राजेश शांडिल्यसंपादक, विश्व संवाद केन्द्र हरियाणा
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