Pegasus Case: पेगासस जांच कमिटी को नहीं मिले स्पाईवेयर के पुख्ता सबूत, साइबर सुरक्षा को लेकर SC को सौंपी सिफारिशें
पेगासस जांच कमिटी को स्पाईवेयर के इस्तेमाल के पुख्ता सबूत नही मिले हैं. ऐसे में भविष्य में साइबर सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट को कमिटी की ओर से सिफारिशें सौप दी गई हैं.
Pegasus Case: पेगासस (Pegasus Case) जासूसी मामले की जांच करने वाली कमिटी ने अपनी तरफ से जांचे गए किसी भी मोबाइल में पेगासस स्पाइवेयर (Pegasus Spyware) होने की पुष्टि नहीं की है. कमिटी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि उसे लोगों की तरफ से कुल 29 फोन दिए गए. 5 में मालवेयर होने का अंदेशा पाया गया. लेकिन यह तय नहीं हो पाया कि यह पेगासस ही है. मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस एन वी रमना ने यह भी कहा कि कमिटी ने केंद्र सरकार की तरफ से पूरा सहयोग न मिलने की बात कही है.
रिपोर्ट के कुछ हिस्से सार्वजनिक होंगे
कमिटी ने भविष्य के लिए कुछ सिफारिशें भी दी हैं. कमिटी ने यह अनुरोध भी किया है कि लोगों की निजता के मद्देनजर मोबाइल फोन की जांच में मिली बातों को प्रकाशित न किया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह रिपोर्ट के कुछ हिस्सों को अपनी वेबसाइट पर अपलोड करेगा.
क्या है मामला?
पिछले साल वरिष्ठ पत्रकार एन राम, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, सीपीएम सांसद जॉन ब्रिटास समेत 15 याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर पेगासस स्पाईवेयर के ज़रिए लोगों की जासूसी किए जाने का अंदेशा जताया था. याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट से जांच की मांग की थी. 27 अक्टूबर 2021 को कोर्ट ने मामले कि सच्चाई जांचने के लिए 3 सदस्यीय तकनीकी कमिटी बनाई थी. कमिटी की निगरानी के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस आर वी रवींद्रन को नियुक्त किया गया था. तकनीकी विशेषज्ञ कमिटी को इन पहलुओं पर रिपोर्ट देनी थी :-
- क्या भारत के नागरिकों के फोन या दूसरे डिवाइस में पेगासस स्पाईवेयर डाला गया?
- कौन लोग इससे पीड़ित हुए?
- 2019 में व्हाट्सऐप की हैकिंग की रिपोर्ट के बाद केंद्र ने क्या कदम उठाए?
- क्या भारत सरकार या किसी राज्य सरकार या किसी सरकारी एजेंसी ने पेगासस स्पाईवेयर हासिल किया?
- क्या किसी निजी व्यक्ति ने इसे खरीदा या इस्तेमाल किया?
सुप्रीम कोर्ट का आदेश
कमिटी का गठन करते हुए कोर्ट ने यह भी कहा था कि कमिटी भविष्य के लिए सुझाव देगी. आज चीफ जस्टिस एन वी रमना, जस्टिस सूर्य कांत और हिमा कोहली की बेंच ने कहा कि कमिटी ने अपनी अंतिम रिपोर्ट दे दी है. कमिटी ने मालवेयर्स के बारे में विस्तार से बताया है. लोगों की निजता को ज़्यादा संरक्षण देने का अनुरोध किया है.साइबर सुरक्षा बेहतर करने की सिफारिश की है.कोर्ट ने कहा है कि वह कमिटी की सिफारिशों पर हुई कार्रवाई की बाद में समीक्षा करेगा.
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