Congress Raised 6 Questions on Modi Government: इजरायली सॉफ्टवेयर पेगासस के जरिए देश की बड़ी राजनीतिक हस्तियों से लेकर जजों और पत्रकारों की जासूसी कराने के सरकार पर लगे आरोपों के बीच कांग्रेस ने आज केंद्र की मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला है. कांग्रेस की प्रेस कॉन्फ्रेंस में राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार ने देशद्रोह किया है. मोदी सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ किया है. मोदी सरकार ने राहुल गांधी समेत देश के विपक्षी नेताओं, अलग अलग संगठन के देश के सम्मानित पत्राकारों और संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों की जासूसी करवाई है.
उन्होंने आगे कहा कि भारतीय जनता पार्टी का नाम बदलकर अब भारतीय जासूस पार्टी कर देना चाहिए. ऐसा लगता है कि मोदी सरकार ने स्वंय देश के संविधान पर हमला बोल रखा है. कानून के शासन पर हमला बोल रखा है. मौलिक अधिकारों पर हमला बोल रखा है. और संविधान की जो शपथ सरकार ने ली थी, उस शपथ को दबाकर उसपर भी हमला बोल रखा है. मोदी सरकार खुद ही इज़रायली जासूसी उपकरण पिगासस के माध्यम से ये निरस्य कार्य कर रही है.
सुरजेवाला ने आगे कहा कि मोदी सरकार केवल पत्रकारों, विपक्ष के नेताओं और खुद के मंत्रियों के नहीं बल्कि देश की सुरक्षा एजेंसियों के जो हेड्स हैं, जो हमारी सुरक्षा करते हैं, जो देश की सीमाओं की सुरक्षा करते हैं, मोदी सरकार उनकी भी जासूसी कर रही थी. मोदी सरकार राहुल गांधी के साथ-साथ खुद के मंत्रियों की भी जासूसी कर रही थी. इसके सबूत भी उपलब्ध हैं.
उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में मोदी सरकार से ये सवाल पूछे-
पहला सवाल- क्या चुनाव आयोग, विपक्ष के नेता समेत राहुल गांधी, खुद के कैबिनेट मंत्रियों, पत्रकारों, एक्टिविस्ट, इन सभी की जासूसी करवाना देशद्रोह नहीं है तो क्या है?
दूसरा सवाल- 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले और उसके बाद पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह जी जासूसी करवा रहे थे?
तीसरा सवाल- भारत सरकार ने इज़रायली जासूसी सॉफ्टवेयर पिगासस कब खरीदा. क्या इसके लिए अमित शाह ने अनुमति दी या खुद पीएम मोदी ने इसकी अनुमति दी. और इसमें कितने हज़ार करोड़ रुपये खर्च हुए. ये पैसा कहां से आया?
चौथा सवाल- मोदी जी जब आपको 2019 से लेकर 2021 तक इसकी जानकारी थी तो आप और अमित शाह जी चुप क्यों रहे. भारत सरकार ने चुप्पी क्यों साधे रखी?
पांचवां सवाल- देश के सुरक्षा के जिम्मेदार तो अमित शाह हैं. तो माननीय अमित शाह को क्या अब अपने पद पर बने रहने का अधिकार है. उन्हें अब बर्खास्त क्यों नहीं किया जाना चाहिए?
छठा सवाल- क्या इस मामले में पीएम मोदी की भूमिका की जांच नहीं होनी चाहिए?
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